मुंबई। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की नूराकुश्ती चल रही है। इंडिया ब्लॉक के अस्तित्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन खत्म हो गया है? इस सवालों का जवाब इंडिया गठबंधन के दिग्गज नेता शरद पवार ने दे दिया है।
मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन सिर्फ राष्ट्रीय स्तर के चुनावों के लिए बना है। विधानसभा चुनाव में इसका कोई मतलब नहीं है। लोकल चुनाव और राज्य के चुनावों के लिए कभी इंडिया गठबंधन में चर्चा नहीं हुई। बता दें कि लोकसभा चुनाव पांच साल बाद 2029 में ही होंगे।
RSS की तारीफ पर दी सफाई
मंगलवार को NCP (SP) के नेता शरद पवार ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने इंडिया गठबंधन में विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन में लोकल और स्टेट लेवल के चुनाव पर कभी कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने RSS की तारीफ पर भी सफाई दी।
पवार ने कहा कि उन्होंने RSS की विचारधारा का समर्थन नहीं किया बल्कि कार्यकर्ताओं की मेहनत की प्रशंसा की। उन्होंने कहा था कि जिस तरह RSS कार्यकर्ता अपने विचारधारा पर दृढ़ रहते हैं, वैसे कार्यकर्ताओं की जरूरत उनकी पार्टी को भी है।
उमर अब्दुल्ला और संजय राउत ने पूछे थे सवाल
बता दें कि इंडिया गठबंधन को लेकर शरद पवार का बयान उस समय आया है कि जब जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने मीटिंग नहीं बुलाने पर ऐतराज जताया था। अब्दुल्ला ने कहा था कि विधानसभा चुनावों के लिए चर्चा नहीं हो रही है। न ही गठबंधन का एजेंडा और नेतृत्व पर बात हो रही है। अगर गठबंधन खत्म हो गया है तो स्पष्ट कर देना चाहिए।
शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने भी संवाद नहीं करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गठबंधन की बड़ी पार्टी है और उसे सहयोगी दलों से बातचीत करना चाहिए। इससे पहले TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने भी इंडिया गठबंधन के नेतृत्व की दावेदारी की थी और उन्हें शरद पवार के साथ लालू यादव का समर्थन हासिल था।
पांच साल तक नहीं होंगे नेशनल लेवल के चुनाव
अब शरद पवार के इस बयान से माना जा रहा है कि 2023 में बना विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन होने का ऐलान हो गया है क्योंकि नेशनल लेवल पर चुनाव अब पांच साल बाद ही होंगे। दिल्ली चुनाव के बाद बिहार, फिर पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
अगर शरद पवार के बयान को सच माना जाए तो बिहार में लालू यादव और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी चुनावों में गठबंधन का फैसला करेंगी। लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी अकेले ही बंगाल की सभी सीटों पर चुनाव लड़ी थी और बड़ी जीत हासिल की थी।