मुंबई। महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस कई मुद्दों पर खुलकर बोल रहे हैं। चुनावी जीत से लेकर महायुति में दरार की बात पर भी उन्होंने अपनी राय रखी। जब उनसे पूछा गया कि क्या डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे नाराज चल रहे थे, तो उन्होंने कहा कि ये सब अफवाह है।
स्वभाव से भावुक हैं शिंदे
एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे स्वभाव से भावुक हैं, जबकि उनके दूसरे डिप्टी सीएम अजित पवार अधिक व्यावहारिक व्यक्ति हैं।
ढाई साल रोलर कोस्टर की तरह
सीएम ने कहा कि महायुति गठबंधन ने बहुत मेहनत की, लेकिन पिछले ढाई साल “रोलर कोस्टर की सवारी की तरह” रहे। उन्होंने ये भी कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में कोई ज्यादा देरी नहीं हुई और न ही शिंदे जी किसी मुद्दे पर नाराज थे।
एक गुट था जो चाहता था कि शिंदे समन्वय समिति के अध्यक्ष बनें। कोई नाराजगी नहीं थी। फडणवीस ने कहा कि दिल्ली में जब हमारी बैठक हुई तो एकनाथ शिंदे ने माना था कि भाजपा के पास अधिक विधायक हैं, इसलिए मुख्यमंत्री भाजपा का ही होना चाहिए।
‘डिप्टी सीएम बनने के लिए मैंने शिंदे को समझाया’
यह पूछे जाने पर कि क्या एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बनने के इच्छुक नहीं थे, देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया कि अगर कोई पार्टी प्रमुख सरकार से बाहर होता है, तो पार्टी ठीक से नहीं चल सकती। मैंने शिंदे जी को यह बात समझा दी।
उधर शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा कि एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बनने के इच्छुक नहीं थे। पार्टी विधायकों और नेताओं ने जोर देकर कहा कि उन्हें सरकार का हिस्सा होना चाहिए क्योंकि यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है कि उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं को आगे बढ़ाया जाए।
शिवसेना विधायक भरत गोगावले ने शुक्रवार को कहा कि एकनाथ शिंदे ने भाजपा से महत्वपूर्ण गृह विभाग मांगा है और पोर्टफोलियो आवंटन पर बातचीत चल रही है।
गोगावले ने कहा कि राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले 11 से 16 दिसंबर के बीच कैबिनेट विस्तार होने की संभावना है। विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर में शुरू होगा।