नई दिल्ली। यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा के निवर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह को महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोपों में झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी ओर से दाखिल उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि उनके ऊपर लगे आरोपों की और जांच की जाए।
ऐसे में उन पर अब यौन उत्पीड़न केस में आरोप तय करने का रास्ता साफ हो गया है। अदालत के इस फैसले से बृजभूषण शरण सिंह की चुनावी उम्मीदों को भी करारा झटका लगा है। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी चाहती है कि बृजभूषण सिंह पर यदि कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ती है तो वह खुद चुनाव न लड़ें। इसके बजाय परिवार के ही किसी सदस्य यानी पत्नी या बेटे को मौका दें।
ऐसी स्थिति में अदालत के फैसले के बाद अब लगता है कि बृजभूषण शरण सिंह का टिकट भी कट सकता है। खुद बृजभूषण शरण सिंह के तेवर भी इसके संकेत दे रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों टिकट के सवाल पर कहा भी था कि जो भगवान राम चाहेंगे, वही होगा।
यही नहीं उनका कहना था कि पार्टी ने अब तक दूल्हा तय नहीं किया है, लेकिन जिसे भी उतारा जाएगा, वह बड़ी जीत हासिल करेगा। उनके बयान में ‘जिसे भी उतारा जाएगा’ से यह अर्थ निकाला गया था कि शायद अब वह अपने अलावा परिवार के ही किसी सदस्य को लड़ाने के लिए तैयार हो गए हैं।
18 अप्रैल को ही आना था फैसला, बृजभूषण की अर्जी से टल गया था
राउज एवेन्यू कोर्ट की जज प्रियंका राजपूत की अदालत ने कहा कि अब बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप तय करने का फैसला 7 मई को होगा। इससे पहले 18 अप्रैल को ही अदालत फैसला सुनाने जा रही थी, लेकिन बृजभूषण शरण सिंह की ओर से अपील की गई थी कि इस केस की और जांच की जाए। उनकी दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब उनकी अर्जी खारिज करने का आदेश दिया है।
अब बृजभूषण पर आरोप तय करने पर फैसला सुनाएगी अदालत
इसके बाद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे केस में आगे की कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में बृजभूषण ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को ही खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि जिस दिन छेड़खानी का आरोप एक महिला पहलवान ने उन पर लगाया है, उस दिन वह दिल्ली में ही नहीं थे।