नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को उनके पिता मुख्तार अंसारी की याद में 10 अप्रैल को होने वाले ‘फातिहा’ समारोह में भाग लेने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अब्बास अंसारी को पर्याप्त सुरक्षा के साथ पुलिस हिरासत में कासगंज जेल से उनके गृहनगर गाजीपुर ले जाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अब्बास अंसारी को 13 अप्रैल तक कासगंज जेल वापस लाया जाए।
कैसे हुई मुख्तार अंसारी की मौत
गौरतलब है कि बीते 28 मार्च 2024 को यूपी के बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की जेल में अचानक तबियत बिगड़ गई थी। उन्हें बेहोशी की हालत में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वॉर्ड ले जाया गया था, लेकिन इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से उसकी मौत हो गई। मुख्तार की मौत को लेकर परिजनों ने गंभीर आरोप भी लगाए थे।
दरअसल, मौत से पहले मुख्तार ने बाराबंकी कोर्ट में वकील के माध्यम से स्लो पॉइजन देने का आरोप लगाया था और सुरक्षा व डाक्टरों की टीम बना कर बेहतर इलाज कराने का प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन 8 दिन बाद उसकी मौत की खबर आई थी।
दो टीम कर रही मामले की जांच
बता दें कि मुख्तार अंसारी के मौत की मजिस्ट्रियल जांच बांदा के एडीएम वित्त राजेश कुमार कर रहे हैं तो वहीं इस मामले की न्यायिक जांच बांदा सिविल जज कर रहे हैं। दोनों की तरफ से 15 अप्रैल और 20 अप्रैल तक का समय मुख्तार अंसारी के परिजनों को अपना बयान दर्ज करवाने के लिए दिया गया है।