नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर जेल में सीएम केजरीवाल की जासूसी किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री के साथ जो कुछ हो रहा है, वो अत्यधिक दु:खद है। पूरी दिल्ली की जनता गहरी पीड़ा में है।
उन्होंने कहा कि तिहाड़ जेल को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए यातना गृह बना दिया गया है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि पीएमओ और एलजी साहब द्वारा 24 घंटे केजरीवाल पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है। जैसे मानो कोई बहुत बड़ा जासूस जासूसी करा रहा हो।
केजरीवाल के साथ अमानवीय व्यवहार क्यों
उन्होंने लिखा कि केजरीवाल पर दिनभर नजर रखने के बाद भी उन्हें 23 दिनों तक इंसुलिन नहीं दी गई। उनके शुगर लेवल की स्थिति बुरी होने के बाद भी इंसुलिन नहीं दी गई। तीन बार के चुने हुए मुख्यमंत्री के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार क्यों किया जा रहा है? यही कि उन्होंने दिल्ली को अच्छा इलाज दिया, बिजली-पानी फ्री किया, माताओं-बहनों को 1000 रुपये महीना देने की योजना लाए।
पूरी दिल्ली को फ्री दवाई देनेवाले को कोर्ट जाना पड़ रहा
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि सीसीटीवी में 24 घंटे अरविंद केजरीवाल को क्यों देखना चाहते हैं आपलोग? बाथरूम से लेकर खाने तक की निगरानी रख रहे हैं। क्या देखना चाहते हैं कि केजरीवाल जी कितना बीमार हुए और केजरीवाल जी का कितना मनोबल गिरा?
आपका पूरा तंत्र निगरानी करता है कि केजरीवाल की इंसुलिन बंद करने से उनकी किडनी कितनी खराब हुई? उनका लिवर कितना खराब हुआ? पूरी दिल्ली को फ्री दवाई देनेवाले केजरीवाल को इंसुलिन के लिए कोर्ट जाना पड़ रहा है। यह कितने दुर्भाग्य की बात है।
नेता की जान लेकर कोई देश आगे नहीं बढ़ पाया
उन्होंने कहा कि अरविंद जी दुनिया की सबसे बेहतरीन सरकार दिल्ली में चला रहे हैं। आप उनके पीछे क्यों पड़े हैं? आपको कॉम्पिटीशन ही करना है तो उनके जैसे स्कूल बनवाइए, अस्पताल बनवाइए, बिजली-पानी फ्री दीजिए। काम की राजनीति कीजिए। जीवनरक्षक दवाओं को रोककर किसी नेता की जान लेकर आज तक कोई देश आगे नहीं बढ़ पाया है।
मानसिक उत्पीड़न देना उनके अधिकारों का हनन
आप सांसद ने कहा कि केजरीवाल की दवा रोकना, उनको मूलभूत सुविधाओं से वंचित करके उनको मानसिक उत्पीड़न देना उनके जीवन जीने के अधिकारों का हनन है। यह अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार के रूप में देशवासियों को मिला है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 संविधान की आत्मा है क्योंकि एक नागरिक की स्वतंत्रता सर्वोपरि है। सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 की विस्तार से व्याख्या की है जिसमें स्वास्थ्य से लेकर भोजन, जमानत, त्वरित सुनवाई, दोस्तों एवं परिवार के सदस्यों से मिलने का अधिकार शामिल है।
आपके अत्याचार से उनके माता-पिता दुखी हैं
उन्होंने कहा कि इतने अच्छे काम करनेवाले को इतनी यातनाएं क्यों दी जा रही है? आपके अत्याचार से केजरीवाल जी के बूढ़े माता-पिता भी अत्यंत दुखी हैं। उनके माता-पिता ने समाज सेवा के लिए हमेशा केजरीवाल जी को प्रेरणा दी है। आज जेल में इन यातनाओं को सुनकर उन्हें बहुत दुख हो रहा है।
उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल जी इस दुख की घड़ी में उनका संदेश पूरे देश तक पहुंचा रही है। उनका मन भी आपके इस अन्यायपूर्ण आचरण से बहुत दुखी है। यह लोकतंत्र के खिलाफ एक हिंसक व्यवहार है। यह पाप करने के समान है, अमानवीय है, हिंसक है। इस पर तत्काल रोक लगाइए।