नई दिल्ली। केंद्रीय बजट पेश होने के बाद पहले कारोबारी सत्र के दौरान भारतीय शेयर बाजार क्रैश हो गया है। सेंसेक्स और निफ्टी करीब 1-1 फीसदी की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि स्टॉक मार्केट क्रैश की क्या वजह है?
डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ वॉर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव के दौरान कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने का वादा किया था। उन्होंने अब इसकी शुरुआत भी कर दी है। ट्रंप ने मेक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाने का एलान किया है। मेक्सिको और कनाडा से आने वाले सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लगेगा।
वहीं, चीन के लिए 10 फीसदी का टैरिफ लगाने का फैसला किया गया है। ट्रंप के फैसले से दुनियाभर टैरिफ वॉर की आशंका छिड़ गई है। इसकी आंच भारत समेत दुनिया भर के तमाम देशों पर आ सकती है। यही वजह है कि ज्यादातर शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।
ट्रंप के टैरिफ वॉर का भारत पर भी पड़ेगा असर?
ट्रंप के टैरिफ वॉर का दुनिया भर की ज्यादातर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ने की आशंका है। हालांकि, भारत पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, ये अभी स्पष्ट नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी एक इंटरव्यू में यही बात कही है।
उन्होंने कहा हम नहीं जानते अमेरिका के टैरिफ वॉर का भारत पर क्या असर होगा लेकिन, अप्रत्यक्ष तरीके से इसका हम पर असर पड़ने की आशंका है। हम बेशक अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने वाले फैसले से चिंतित नहीं है, लेकिन पूरी तरह से सतर्क हैं।
जापान का स्टॉक मार्केट भी धड़ाम
जापान के निक्केई इंडेक्स में 2.58 फीसदी की भारी गिरावट आई है। दक्षिण कोरिया का KOSPI तो 3 फीसदी से अधिक गिर गया है। चीन और हांगकांग के शेयर भी गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे हैं।
हालांकि, वहां भारत और जापान के मुकाबले अपेक्षाकृत कम गिरावट देखने को मिल रही है। क्योंकि दोनों शेयर बाजारों को टैरिफ का अंदेशा पहले से था, बल्कि उन्हें इससे ज्यादा टैरिफ लगने की आशंका थी।
भारत की बात करें, तो सुबह 9.35 बजे तक सेंसेक्स 477 अंक यानी 0.62 फीसदी की गिरावट के साथ 77,028.44 अंकों पर था। वहीं, निफ्टी50 192 अंक यानी 0.82 फीसदी गिरकर 23,289.65 के स्तर पर आ गया था।
क्या बजट से भी निराश दिख रहा बाजार?
शेयर बाजार को बजट में व्यापक सुधारों को उम्मीद थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करके मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। इससे आम लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा और वे खर्च बढ़ा सकते हैं।
यह फैक्टर खपत को बढ़ाकर सकता है, जिसका फायदा कंपनियों को बढ़ी बिक्री के रूप में दिखेगा। हालांकि, इस प्रोसेस में लंबा वक्त लगने का अनुमान है।
बजट में वित्त मंत्री ने ऐसा कोई खास प्रावधान नहीं किया है, जिससे मार्केट को नियर टर्म में बूस्ट मिले। यही वजह है कि बजट वाले दिन भी शेयर बाजार में कुछ खास तेजी नहीं देखने को मिली थी।