नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अलग-अलग हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पद के लिए जुलाई में की गई अपनी सिफारिशों पर पुनर्विचार किया है। केंद्र सरकार ने कॉलेजियम को कुछ नामों को लेकर ‘संवेदनशील जानकारियां’ दी थी, जिसके बाद उसने नामों पर न सिर्फ पुनर्विचार किया, बल्कि 3 बड़े बदलाव भी किए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार की तरफ से मिली ‘संवेदनशील जानकारियों’ में मेरिट पाने के बाद मंगलवार को कॉलेजियम ने अपनी पहले की सिफारिशों पर पुनर्विचार किया। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 11 जुलाई को 7 हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी थी।
अब उसने तीन पर बदलाव किया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई और जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की सदस्यता वाली कॉलेजियम ने मंगलवार को नामों पर फिर से विचार किया।
कॉलिजियम ने पहले जस्टिस सुरेश कुमार कैत जो जम्मू-कश्मीर ऐंड लद्दाख हाई कोर्ट, जस्टिस जी एस संधवालिया को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और जस्टिस ताशी रबस्तान को मेघालय हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की थी।
अब जस्टिस राबस्तान का नाम जम्मू-कश्मीर ऐंड लद्दाख हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के लिए भेजा गया है। यही उनका पैरेंट हाई कोर्ट भी है। इसी तरह जस्टिस कैत का नाम मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस संधवालिया का नाम हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के लिए भेजा है।
अब कॉलेजियम ने जस्टिस इंद्र प्रसन्न मुखर्जी को मेघालय हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की है। जस्टिस मुखर्जी अभी कलकत्ता हाई कोर्ट में जज हैं। जस्टिस रबस्तान को अब उनके गृह राज्य जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया जाएगा। उनके रिटायरमेंट में अब एक साल से भी कम समय बचा है।
कॉलेजियम ने जस्टिस कैत को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने के अपने फैसले को पलट दिया है। उनकी नियुक्ति अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर की गई है। जस्टिस कैत दलित समुदाय से आते हैं।
जस्टिस संधावालिया अब मध्य प्रदेश की जगह हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस होंगे। वह जस्टिस राजीव शकधर की जगह लेंगे जो 18 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। 11 जुलाई को कॉलेजियम ने जस्टिस शकधर को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की थी। इस तरह जस्टिस शकधर का कार्यकाल एक महीने से भी कम का होगा।
कॉलेजियम ने अपने बयान में कहा है कि 11 जुलाई को की गई बाकी सिफारिशें यथावत रहेंगी। इनमें जस्टिस मनमोहन को दिल्ली हाई कोर्ट, जस्टिस शकधर को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट, जस्टिस नितिन एम जामदार को केरल हाई कोर्ट और जस्टिस के आर श्रीराम को मद्रास हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिशें शामिल हैं।
पिछले हफ्ते अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया था कि सरकार के पास कुछ गंभीर और संवेदनशील जानकारियां हैं। इन जानकारियों के चलते 7 हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति में देरी हुई है। अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि यह जानकारी बेहद संवेदनशील है, इसलिए वह इसे सीलबंद लिफाफे में चीफ जस्टिस को सौंपेंगे।