नई दिल्ली। राज्य सरकारों द्वारा आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने के मामले पर बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई और कई सवाल भी उठाए। कोर्ट ने कहा कि कोई भी आरोपी अगर दोषी भी साबित होता है, तो भी उसके घर पर बुलडोजर चलाना किसी भी तरह से जायज नहीं है।
शीर्ष न्यायालय ने ये भी कहा कि अगर कोई किसी अपराध में दोषी पाया जाता है, तो भी बिना कानूनी प्रक्रिया को पूरा किए उसके घर को ढहाया नहीं जा सकता।
इस बीच कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने अपने बुलडोजर एक्शन पर जवाब दाखिल किया। योगी सरकार के हलफनामे को देख सुप्रीम कोर्ट ने उसकी काफी तारीफ की है।
योगी सरकार ने हलफनामे में क्या कहा?
- यूपी की योगी सरकार ने कहा कि प्रदेश में किसी का भी घर बिना कानूनी प्रकिया के नहीं तोड़ा जा रहा।
- गृह विभाग के विशेष सचिव ने हलफनामे में कहा कि किसी भी अचल संपत्ति को कानूनी प्रक्रिया के तहत की ध्वस्त किया जा सकता है और हम उसी का पालन कर रहे हैं।
SC ने की हलफनामे की तारीफ
सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के जवाब पर खुशी जताई और हलफनामे में अपनाए गए रुख की तारीफ की। कोर्ट ने मामले के संबंध में पूरे देश के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही। कोर्ट ने मामले के पक्षकारों के वकीलों से अपने सुझाव भी मांगे।
कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो भी पक्षकार सुझाव देना चाहते हैं वो मध्य प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता नचिकेता जोशी के ईमेल आईडी sr.adv.nachiketajoshi@gmail.com पर भी भेजें। कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया की वो किसी भी अवैध निर्माण को संरक्षण नहीं देगा। मामले की अगली सुनवाई अब 17 सितंबर को होगी।