नई दिल्ली बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट के फैसले के बाद बरी किए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस दिया है। बता दें कि 28 मई 2024 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हत्याकांड में विशेष CBI कोर्ट की सजा को खारिज करते हुए राम रहीम समेत चार आरोपियों को बरी कर दिया था।
हाईकोर्ट के फैसले को हत्याकांड की जांच कर रही CBI ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने राम रहीम और चार अन्य को नोटिस जारी किया है। CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने मामले में बरी किए गए आरोपियों से जवाब मांगा है।
2002 में की गई थी रणजीत सिंह की हत्या
गौरतलब है कि 10 जुलाई 2002 की शाम को सिरसा डेरे के प्रबंधक रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 2003 में इस मामले की जांच CBI को सौंपी गई थी। जांच के बाद CBI कोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट ने CBI की सजा को खारिज करते हुए राम रहीम को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि जिस गन से फायर होने की बात कही गई वह घटना के समय शस्त्रागार में जमा थी। अपराध में इस्तेमाल की गई कार को भी बरामद नहीं किया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गाड़ी में चार लोग फायर कर रहे थे तो बाकी के तीन हथियार कहां हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि जांच अस्पष्ट थी और पेश किए गए साक्ष्य विश्वसनीय नहीं थे। इन सभी को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट ने पांचों आरोपियों की याचिका मंजूर करते हुए उन्हें दोषमुक्त कर दिया।
2003 में CBI को सौंपी गई थी जांच
पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट ने बेटे के पक्ष में फैसला सुनाकर केस की जांच CBI को सौंपी थी। CBI ने राम रहीम समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में डेरामुखी का नाम नहीं था लेकिन 2003 में जांच CBI को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम इस हत्याकांड में शामिल हुआ था।