नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी महिला डॉक्टर बलात्कार और हत्या के मामले में CBI ने आज मंगलवार को स्टेटस रिपोर्ट पेश की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में किए गए खुलासे डिस्टर्ब करने वाले हैं। हालांकि सर्वोच्च अदालत ने सीबीआई की ओर से दी गई डिटेल का खुलासा करने से इनकार कर दिया।
कोर्ट कहा कि खुलासे से जांच प्रभावित हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी ‘नींद में नहीं सोई हुई’ है और उसे सच्चाई का पता लगाने के लिए समय दिया जाना चाहिए। आरोप पत्र दाखिल करने के 90 दिनों की टाइमलाइन में अभी कुछ दिन बचे हैं, इसलिए जांच की समय सीमा तय करना अनुकूल नहीं है।
महिला डॉक्टरों की ड्यूटी ऑवर और सुरक्षा का भी मुद्दा उठा
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महिला डॉक्टरों की ड्यूटी ऑवर और सुरक्षा का भी मुद्दा उठा। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि हमें महिला डॉक्टरों के ड्यूटी ऑवर के बजाय उनकी सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
सीजेआई ने पूछा कि आप कैसे कह सकते हैं कि महिलाएं रात में ड्यूटी नहीं कर सकती हैं। यह लिमिट महिला डॉक्टरों के लिए ही क्यों है? वह रियायत नहीं मांग रही हैं बल्कि हर शिफ्ट में काम करने के लिए तैयार हैं। पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिफिकेशन में सुधार करना चाहिए। पायलट और सेना में हर जगह रात में काम होता है।
CJI ने अनुज गर्ग केस का हवाला दिया, पंजाब सरकार की ओर से शराब की दुकानों पर महिलाओं के काम करने पर लगाई गई रोक को खारिज कर दिया गया था। चीफ जस्टिस ने कहा कि अनुज गर्ग मामले में यह निर्धारित किया गया था कि सुरक्षा की नाम पर महिलाओं की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।
‘ CBI ने जो रास्ता अपनाया है, उससे सच्चाई उजागर होगी’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है। मंगलवार को CBI के डीआईजी सत्यवीर सिंह ने कोर्ट में जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश की।
चीफ जस्टिस वाई डी चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. परदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद CJI ने कहा कि CBI ने जो रास्ता अपनाया है, उससे सच्चाई उजागर होगी। इस केस में एसएचओ को खुद गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने जांच पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि CBI ने स्वतंत्र जांच के अलावा कोर्ट के उठाए गए मुद्दों पर विशेष रूप से प्रतिक्रिया दी है। सीबीआई इस संभावना की भी जांच कर रही है कि क्या क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ की गई थी या साक्ष्य नष्ट किए गए थे। रिपोर्ट दर्ज कराने में हुई गड़बड़ी में किन लोगों की मिलीभगत थी।
जांच पूरी करने के लिए अभी भी समय
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि जांच पूरी करने के लिए अभी भी समय है। हमें सीबीआई को पर्याप्त समय देना होगा। कोई भी समय सीमा तय करना जांच को बाधित करना होगा। उन्हें सच्चाई का पता लगाने के लिए समय दिया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की गुजारिश की।
उन्होंने कहा कि वह आरोपी की ओर से मुकदमा नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पैरवी कर रहे हैं। इस केस से जुड़े वकीलों को धमकी मिल रही है। सीजेआई वाई डी चंद्रचूड़ ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग रोकना जनहित में नहीं है। वकीलों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएंगे।