मुजफ्फरपुर/नई दिल्ली।1998 में बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने हत्याकांड में बाहुबली पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला और एक अन्य को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पांच अन्य को बरी कर दिया है। बता दें कि इस मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत आठ लोगों को पटना हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
पत्नी रमा देवी ने खटखटाया था SC का दरवाजा
1998 में पटना के IGIMS अस्पताल में बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी रमा देवी, भाजपा और सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने 21 और 22 अगस्त को इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी। जस्टिस संजीव खन्ना, संजय कुमार और आर महादेवन की बेंच आज अपना फैसला सुनाएगी। निचली अदालत ने 2009 में सभी आठों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
RJD के कद्दावर नेता रहे बृज बिहारी प्रसाद
बृज बिहारी प्रसाद लालू प्रसाद यादव की पार्टी के बड़े नेता थे। उनकी हत्या गैंगवार का नतीजा मानी जाती है। इस हत्याकांड में श्रीप्रकाश शुक्ला का नाम भी सामने आया था। श्रीप्रकाश शुक्ला उस समय सूरजभान सिंह के गैंग में शूटर था।
बाद में श्रीप्रकाश शुक्ला का खौफ यूपी और बिहार में फैल गया था। गाजियाबाद में उप्र STF ने उसे एक मुठभेड़ में उसे मार गिराया था। श्रीप्रकाश शुक्ला को पकड़ने के लिए ही सबसे पहले यूपी में STF का गठन किया गया था।