नई दिल्ली। आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के मारपीट मामले में आरोपी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने बिभव कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
उधर, मालीवाल मामले में रिपोर्टिंग रोकने को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने याची को फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहां जब मालीवाल को आपत्ति नहीं तो आप कौन होते हैं। यह याचिका मात्र प्रचार के लिए दायर की गई है।
बुधवार को बिभव कुमार ने आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल द्वारा दायर मारपीट मामले में जमानत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। बिभव ने याचिका में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था।
बिभव ने याचिका में अपनी अवैध गिरफ्तारी के लिए मुआवजे की भी मांग की थी। याचिका में बिभव ने कहा कि मेरी गिरफ्तारी अवैध है। मुझे जबरदस्ती पुलिस कस्टडी में रखा गया है। जबरदस्ती कस्टडी में रखने का मुआवजा मिले। पुलिस वालों के खिलाफ विभागीय जांच हो।
कोर्ट ने बढ़ाई थी तीन दिन की पुलिस हिरासत
अदालत ने 28 मई को आप सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार को फिर तीन दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
बिभव की चार दिन की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल की अदालत में पेश किया गया था। पुलिस ने कोर्ट से बिभव की हिरासत पांच दिन की मांगी थी, लेकिन मजिस्ट्रेट ने तीन दिन का दिया।
इससे पहले 27 मई को तीस हजारी कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। स्वाति मालीवाल केस में बिभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने 18 मई को गिरफ्तार किया था। स्वाति मालीवाल ने विभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री आवास पर हमला करने के आरोप लगाए थे।
जहां एक तरफ स्वाति ने बिभव पर मारपीट का आरोप लगाया है तो वहीं विभव ने पुलिस में शिकायत दी कि स्वाति मुख्यमंत्री आवास में बिना इजाजत घुस गई थीं। बिभव ने भी स्वाति पर झूठे मामले में फंसाने के आरोप लगाए हैं।