लखनऊ/अयोध्या। यूपी में विधानसभा उप चुनाव में सभी 10 सीटों को जीतने का लक्ष्य भेदने की तैयारी में जुटी भाजपा भले ही अंदरूनी कलह के खत्म होने का दावा कर रही है, लेकिन वास्तविकता इससे इतर है ।
अयोध्या में पूर्व सांसद लल्लू सिंह द्वारा पार्टी के ही एक नेता के खिलाफ जिस तरह से सार्वजनिक तौर पर अपराधी होने का आरोप लगाकर पार्टी के कार्यक्रम का बहिष्कार किया गया है, उससे स्पष्ट है कि बड़े नेताओं की तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा के भीतर उठे अंदरूनी कलह की आग अभी भी सुलग रही है।
ऐसे में माना जा रहा है कि अगर समय रहते पार्टी के भीतर के कलह को शांत नहीं किया गया तो उप चुनाव जीतने के लक्ष्य को भेदना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनेगी। वहीं, पार्टी स्तर पर अयोध्या की घटना को पार्टी का प्रदेश नेतृत्व पूर्व सांसद की व्यक्तिगत नाराजगी मान रहा है।
सूत्रों का कहना है कि सांसद पार्टी से नहीं, बल्कि स्थानीय एक नेता से नाराज थे, इसलिए पार्टी की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं हुए। उधर दूसरी ओर नाम न छापने की शर्त भाजपा के कुछ नेताओं का कहना है कि अयोध्या की मिल्कीपुर सीट जीतना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है।
वैसे भी मुख्यमंत्री ने खुद इस सीट को जिताने की जिम्मेदारी ले रखी है। ऐसे में स्थानीय नेताओं की आपसी खींचतान पार्टी के प्रयासों में रोड़ा अटका सकता है। वहीं, भाजपा के रणनीतिकारों को भी यह चिंता सताने लगी है कि अगर अपने ही नेताओं मतभेद की स्थिति रही तो इससे पार्टी ही कमजोर होगी।
भाजपा नेताओं के बीच आपसी खींचतान ऐसे समय में सामने आई है, जब पूरा संगठन मिल्कीपुर उपचुनाव की तैयारियों में जुटा है। खुद मुख्यमंत्री मोर्चा संभाले हुए हैं। पिछले दिनों इसी विधानसभा क्षेत्र में दो अलग-अलग कार्यक्रमों में सीएम शिरकत भी कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री चाहते हैं कि इस उपचुनाव में पार्टी की जीत हो, जिससे लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद एक सियासी संदेश प्रदेश के साथ पूरे देश में दिया जा सके। इसके इतर स्थानीय स्तर पर एक बार फिर लोकसभा चुनाव जैसे ही हालात पैदा होने लगे हैं, तब भी पार्टी गुटों में विभाजित रही।
इसका नतीजा रहा कि राममंदिर के निर्माण के साथ कई बड़ी विकास परियोजनाओं की सौगात मिलने के बाद भी पार्टी को प्रतिष्ठापरक फैजाबाद संसदीय सीट पर हार का सामना करना पड़ा। अयोध्या की इस सीट पर हार की गूंज देश ही नहीं, विदेश तक सुनाई देती रही।
यह था प्रकरण
बता दें कि पूर्व सांसद बुधवार को सर्किट हाउस में पार्टी के सदस्यता अभियान को लेकर प्रदेश महामंत्री और अवध क्षेत्र के प्रभारी संजय राय की प्रेस कान्फ्रेंस को छोड़कर चले गए थे।
उनका कहना था कि मंच पर अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति बैठा है और वे उसके साथ मंच साझा नहीं कर सकते। यह घटनाक्रम को लेकर पार्टी के भीतर और बाहर भी चर्चाओं का बाजार गरम है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस शुरू हो गई है।
पीछे हटने को तैयार नहीं पूर्व सांसद
पूर्व सांसद लल्लू सिंह मामले में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी फोरम पर वे इस तरह के विषयों को उठाते रहेंगे। पूर्व सांसद बृहस्पतिवार को कारसेवकपुरम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में भी शामिल हुए । हालांकि उनका कहना है कि इस दौरान उनकी सीएम से भेंट नहीं हुई।