लखनऊ। यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल और बहराइच हिंसा पर विपक्ष के आरोपों पर जोरदार पलटवार किया। योगी ने कहा कि सभी विपक्षी नेताओं ने अपने रुचि के अनुसार बातें कहीं। NCRB के जो आंकड़े हैं वह बताते हैं कि 2017 से लेकर अब तक यूपी में सांप्रदायिक दंगे 97 से लेकर 99 फीसदी तक कमी आई है।
जिसको आप वास्तव में दंगे कहते हैं कि वह उप्र में 2017 के बाद से नहीं हुए। 2017 से पहले 815 सांप्रदायिक दंगे हुए और 192 लोगों की इसमें मौत हुई। 2007 से 2011 के बीच 616 हिंसा की घटनाएं हुईं और 120 लोगों की मौत हुई।
CM ने कहा कि आप पश्चिम उत्तर प्रदेश में आप जाएंगे सामान्य संबोधन में राम-राम ही बोलते हैं तो जय श्रीराम कहां से साम्प्रदायिक हो गया। हमारे यहां जगते हैं, मिलते हैं तो राम-राम बोलते हैं। अगर जय श्रीराम किसी ने बोल ही दिया तो इसमें आप नीयत समझ सकते हैं। ये चिढ़ाने वाला नहीं है।
‘यह देशी और विदेशी मुसलमानों की आपसी भिड़ंत’
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने कुंदरकी की जीत को वोट की लूट बताया। आपके प्रत्याशी की तो जमानत जब्त हो गई थी। क्या ये सच नहीं है कि देशी और विदेशी मुसलमानों की आपसी भिड़ंत है जिस पर आप पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। सूर्य को चांद को और सत्य को बहुत देर तक कोई छिपा नहीं सकता है।
‘जुमे की नमाज के बाद माहौल कैसे खराब हुआ?’
योगी ने कहा कि भगवान विष्णु का दसवां अवतार संभल में ही होगा। 19 नवंबर को भी सर्वे हुआ। 21 नवंबर को भी हुआ। 24 नवंबर को भी सर्वे का कार्य चल रहा था। ये लगातार सर्वे का काम चल रहा था। पहले दो दिन कोई शांति भंग नहीं हुई।
23 नवंबर को जुमे की नमाज के पहले और बाद में जिस प्रकार की तकरीरें दी गईं। उनके बाद माहौल खराब हुआ। हमारी सरकार ने तो पहले ही कहा कि हम ज्युडीशियल कमीशन बनाएंगे। दूध का दूध और पानी का पानी सबके सामने आएगा।
‘जिस दिन संभल विधायक इकबाल महबूब को अपनी जड़ें याद आ जाएंगी उस दिन…’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव के दौरान आपने देखा होगा कि वहां के लोगों को अपनी जड़ें याद आ गईं। इसी तरह जिस दिन संभल के सपा विधायक इकबाल महूबूब को अपनी जड़ें याद आ जाएंगी, वह संभल में विरोध करना बंद कर देंगे।
‘हिंदुओं की शोभायात्रा मुस्लिमों के मोहल्ले से क्यों नहीं निकल सकती’
CM योगी ने कहा कि मुसलमानों के कार्यक्रम में जब कोई व्यवधान नहीं पहुंचता तो हिंदुओं की शोभायात्रा में दिक्कत क्यों आती है। हिंदुओं की शोभायात्रा किसी मुस्लिम मोहल्ले से क्यों नहीं शांतिपूर्वक नहीं निकल सकती है।
संभल और लखनऊ में शिया और सुन्नी का झगड़ा बहुत पुराना है। बीजेपी की सरकारों से पहले मुसलमानों में आपसी हिंसा हुआ करती थी। पहले की सरकारें बांटने और राज करने की विचारधारा पर काम किया करती थीं।