लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद उप्र की राजनीति में इन दिनों सपा-बसपा आमने-सामने आ गई है। 5 साल बाद मायावती और अखिलेश यादव की तरफ से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा है। मायावती ने कहा कि अखिलेश बसपा नेताओं के फोन नहीं उठाते थे, जबकि सपा मुखिया ने कहा है कि बिना बताए गठबंधन तोड़ दिया गया।
वहीं शुक्रवार को बसपा सुप्रीमो ने सपा से गठबंधन टूटने पर अखिलेश को सोशल मीडिया के माध्यम से जवाब दिया है। उन्होंने लिखा कि इतने साल बाद क्यों सफाई दे रहे? बीएसपी सैद्धांतिक कारणों से गठबंधन नहीं करती। बसपा को सत्ता की मास्टर चाभी चाहिए ताकि बाबा साहब का मिशन पूरा कर सके।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिखा कि लोकसभा चुनाव-2019 में यूपी में बसपा के 10 और सपा के 5 सीटों पर जीत के बाद गठबंधन टूटने के बारे में मैंने सार्वजनिक तौर पर बात रखी थी। यही कहा कि सपा प्रमुख (अखिलेश यादव) ने मेरे फोन का भी जवाब देना बंद कर दिया था। इसको लेकर उनकी तरफ से अब इतने साल बाद सफाई देना कितना उचित व विश्वसनीय? सोचने वाली बात।
बसपा का आत्मसम्मान सर्वोपरि
मायावती ने कहा कि बीएसपी सैद्धांतिक कारणों से गठबंधन नहीं करती है और अगर बड़े उद्देश्यों को लेकर कभी गठबंधन करती है तो फिर उसके प्रति ईमानदार भी जरूर रहती है। सपा के साथ सन 1993 और 2019 में हुए गठबंधन को निभाने का भरपूर प्रयास किया गया, हालांकि ‘बहुजन समाज’ का हित और आत्मसम्मान सर्वोपरि है।
मायावती को मास्टर चाबी का इंतजार!
मायावती ने कहा कि बीएसपी जातिवादी संकीर्ण राजनीति के विरुद्ध है। अतः चुनावी स्वार्थ के लिए आपाधापी में गठबंधन करने से अलग हटकर ‘बहुजन समाज’ में आपसी भाईचारा बनाकर राजनीतिक शक्ति बनाने का मूवमेंट है, ताकि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का मिशन सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त कर आत्मनिर्भर हो सके।
अखिलेश ने मायावती पर लगाया आरोप
बता दें कि इससे पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि जिस समय गठबंधन टूटा, उस समय मैं आजमगढ़ के मंच पर था। बलराम यादव जी थे, बलिहारी बाबू भी थे। दोनों सपा और बसपा की लीडरशिप मंच पर मौजूद थी।
किसी को नहीं पता था कि गठबंधन टूटने जा रहा है। मैंने खुद फोन मिलाया था ये पूछने के लिए कि आखिरकार ये गठबंधन क्यों तोड़ा जा रहा है। मुझे मंच के नीचे प्रेस वाले मिलेंगे उनको मैं जवाब क्या दूंगा? कभी-कभी लोग अपनी बात छिपाने के लिए ऐसी बातें करते हैं।
सतीश चंद्र मिश्रा का अखिलेश पर हमला
बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने अखिलेश यादव पर हमला किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, मैं सभी को यह अवगत कराना चाहता हूं कि 2019 के लोकसभा आम चुनाव में बसपा-सपा गठबंधन टूटने की वजह सपा मुखिया (अखिलेश यादव) खुद हैं, जिसका जिक्र बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी द्वारा जारी की गई पुस्तक में लिखा हैं।
बताया कि बसपा प्रमुख के फोन करने के पूर्व मेरे फोन करने पर सपा प्रमुख (अखिलेश यादव) फोन पर नहीं आए, फिर पार्टी कार्यालय से फोन गया और फिर भी फोन पर सपा प्रमुख से बात नहीं कराई गई। इसके बाद भी बसपा प्रमुख मायावती ने बड़े होने के नाते सपा प्रमुख को फोन कर के हौसला देने की कोशिश की थी, लेकिन वह फोन पर नहीं आए। इन सबका परिणाम यह रहा कि बसपा को गठबंधन तोड़ना पड़ा।