नई दिल्ली। देश में कुल 872,352 प्रॉपर्टी ऐसी हैं जो वक्फ के पास हैं। इसके अलावा 994 संपत्तियों पर वक्फ का अवैध कब्जा है। केंद्र सरकार ने सोमवार को यह जानकारी संसद को बताई है। शीतकालीन सत्र के दौरान,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सांसद जॉन ब्रिट्टास ने सरकार से इससे संबधित सवाल किया था।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लिखित जवाब में कहा कि WAMSI पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 994 वक्फ संपत्तियों का ट्रांसफर दिखाया गया है। ट्रांसफर का मतलब इसपर वक्फ ने अवैध कब्जा किया हुआ है।
किरेन रिजिजू ने दी पूरी जानकारी
किरेन रिजिजू के लिखित जवाब में यह बात सामने आई है कि उन 994 संपत्तियों में से अकेले 734 तमिलनाडु में अवैध रूप से कब्जा की गई हैं। CPM सांसद ब्रिट्टास ने अपने प्रश्न में पूछा था कि देश भर में कितनी वक्फ संपत्तियां हैं, साथ ही राज्यवार बंटवारे के बारे में भी जानकारी मांगी थी।
इसके अलावा, उन्होंने अवैध रूप से हस्तांतरित वक्फ संपत्तियों के बारे में चिंता व्यक्त की थी और ऐसी संपत्तियों का विवरण मांगा था। मंत्री ने जवाब में कहा कि वक्फ अधिनियम की धारा 51(1-ए) में कहा गया है कि वक्फ संपत्ति की कोई भी बिक्री,दान,विनिमय,गिरवी या हस्तांतरण शुरू से ही अमान्य होगा।
इसके अलावा,वक्फ अधिनियम की धारा 52 में कहा गया है कि यदि वक्फ बोर्ड निर्धारित तरीके से जांच करने के बाद यह निर्धारित करता है कि कोई वक्फ संपत्ति हस्तांतरित की गई है,तो वह कलेक्टर को एक प्रस्ताव भेज सकता है,जिसके अधिकार क्षेत्र में संपत्ति स्थित है,संपत्ति का कब्जा लेने और उसे बोर्ड को सौंपने के लिए।
सबसे ज्यादा तमिलनाडु में
मंत्रालय ने आगे बताया कि पूरे देश में कुल 994 ऐसी संपत्तियों में से तमिलनाडु ने सबसे अधिक 734 वक्फ संपत्तियों को हस्तांतरित की गई हैं, इसके बाद आंध्र प्रदेश 152, पंजाब 63, उत्तराखंड 11 और जम्मू-कश्मीर 10 संपत्तियों पर वक्फ का कब्जा है।
इस बीच, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया कि केंद्र सरकार द्वारा 2019 से वक्फ बोर्ड को कोई भूमि नहीं दी गई है।
राज्यसभा सदस्य मिथलेश कुमार के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्य मंत्री (MoS) तोखन साहू ने कहा कि भूमि राज्य का विषय है और इसलिए राज्य सरकारों द्वारा दी गई भूमि का कोई डेटा मंत्रालय के पास उपलब्ध नहीं है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने इस साल अगस्त में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया और इसे विचार के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेजा था। वरिष्ठ भाजपा नेता व लोकसभा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को अगले साल बजट सत्र के अंतिम सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विस्तार दिया गया है।