नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया है कि देश में आतंकवादी घटनाओं में भारी कमी आई है। मंत्रालय ने बताया कि 2023 तक पिछले पांच सालों में आतंकी घटनाओं और मुठभेड़ों में 77% की कमी आई है। साथ ही, आम नागरिकों की मौतों में भी 75% की गिरावट देखी गई है।
यह जानकारी गृह मंत्रालय ने गृह मामलों से जुड़ी संसद की स्थायी समिति को दी। समिति के प्रमुख बीजेपी सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल हैं। गृह मंत्रालय ने समिति को विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों की जानकारी दी।
इनमें वामपंथी उग्रवाद (लेफ्ट विंग एक्स्ट्रिमिज्म), काउंटर-टेररिज्म, आंतरिक सुरक्षा, साइबर अपराध, सीमा प्रबंधन और आपदा प्रबंधन शामिल हैं। मंत्रालय के अनुसार, 2023 में ऑपरेशन के दौरान 30 सुरक्षाकर्मियों ने सर्वोच्च बलिदान दिया, जबकि 2018 में यह संख्या 91 थी, यानी 67% की कमी।
आतंकवादियों द्वारा की गई घटनाएं 2018 में 417 थीं, जो 2023 में घटकर 94 रह गईं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला सरकार बनने के बाद से आतंकी घटनाओं और मुठभेड़ों में तेजी आई है, लेकिन मंत्रालय द्वारा साझा किया गया डेटा केवल 2023 तक का है।
मंत्रालय ने बताया कि 2023 में पथराव और हड़ताल की एक भी घटना नहीं हुई, जो 2018 की तुलना में 100% की कमी है। नागरिक हताहतों की संख्या 2018 में 55 थी, जो 2023 में घटकर 14 रह गई। धारा 370 हटाए जाने के बाद, सभी केंद्रीय कानून केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर लागू होते हैं।
मंत्रालय के अनुसार, 2023 में 2.11 करोड़ पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। हालांकि, लद्दाख को 2019 में एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, लेकिन मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों को मिलाकर विकास योजनाओं की कामयाबी पर प्रकाश डाला।
इनमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास जीवंत ग्राम कार्यक्रम भी शामिल है। समिति को बताया गया कि उत्तरी सीमाओं को छोड़कर, अन्य सीमाओं पर भी जीवंत गांव बनाने का प्रस्ताव है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में, गृह मंत्रालय ने बताया कि UAPA में संशोधन के बाद से 57 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया गया है।
इनमें दाऊद इब्राहिम, JM प्रमुख मौलाना मसूद अंसारी, लश्कर प्रमुख हाफिज सईद, खालिस्तान समर्थक अर्शदीप सिंह, गोल्डी बरार, लखबीर सिंह और वधवा सिंह शामिल हैं। कुल 22 संगठनों को ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है, जबकि 45 संगठनों को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित किया गया है।
वामपंथी उग्रवाद (LWE) के बारे में समिति को बताया गया कि 2023 तक पिछले पांच वर्षों में घटनाओं में 73% की कमी आई है और 2010 की तुलना में 2023 में 86% की कमी आई है।
LWE प्रभावित जिलों की संख्या 2014 में 126 से घटकर 2024 में 38 हो गई है। इसी तरह, सबसे ज्यादा प्रभावित LWE जिलों की संख्या 2014 में 35 से घटकर 2024 में 12 हो गई है।