नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष अपने तमाम मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहा है, वहीं उसका आरोप है कि सत्ता पक्ष की तरफ से उनकी मांगें न माने जाने के कारण संसद की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल पा रही है।
जिसकी वजह से संसद के महत्वपूर्ण छह दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए। इसे लेकर आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तमाम दलों के साथ एक बैठक भी की है।
इस बैठक में TDP के लवू श्री कृष्ण देवरायलू, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, DMK सांसद टी आर बालू , NCP (SP) सांसद सुप्रिया सुले, सपा के धर्मेंद्र यादव, JDU के दिलेश्वर कामैत, RJD के अभय कुशवाह, TMC सांसद कल्याण बनर्जी, शिवसेना (UBT) के अरविंद सावंत और CPI (M) के राधाकृष्णन शामिल हुए।
संविधान पर बहस की बनी सहमति
इस बैठक में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म करने के साथ संविधान पर बहस की भी सहमति बन गई है। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू के अनुसार, 13 और 14 नवंबर को लोकसभा में और 16-17 नवंबर को राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा होगी।
केंद्रीय मंत्री ने कल से संसद के सुचारु तरीके काम करने की उम्मीद जताई है। किरेन रिजिजू ने कहा कि लोकसभा 13 और 14 दिसंबर को संविधान पर चर्चा होगी। वहीं राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को चर्चा होगी।
उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि मंगलवार से संसद चलेगी। रिजिजू ने कहा कि संसदीय कार्यवाही को बाधित करना अच्छा नहीं है। हम सभी विपक्षी नेताओं से अपील करते हैं कि वे इस समझौते पर अमल करें। हम सभी यह सुनिश्चित करेंगे कि कल से संसद का कामकाज सुचारू रूप से चले।