बिछवां (मैनपुरी)। रामकुटीर आश्रम के सुनहरे गेट से झांककर अब मीडिया कर्मी अंदर का दृश्य नहीं देख सकेंगे। आश्रम के अंदर क्या हो रहा है, इसकी गोपनीयता रखने के लिए सुनहरे गेट के पीछे कपड़े का पर्दा लगा दिया गया है।
जिससे सूरज पाल (नारायण साकार विश्व हरि) के आश्रम के अंदर मौजूद होने के कयासों ने जोर पकड़ लिया है। वहीं बुधवार को भी सूरज पाल के अनुयायियों का आना-जाना बना रहा। पुलिस और पीएसी आश्रम के आसपास रह कर हालात पर नजर बनाए रही।
दो जुलाई को हाथरस में हुई घटना के बाद सूरज पाल बिछवां स्थित रामकुटीर आश्रम पहुंच गए थे। उसके बाद कयास लगाए गए कि बाबा आश्रम से जा चुके हैं। पुलिस ने भी बाबा के आश्रम पर मौजूद न होने का दावा किया था। जबकि सेवादारों ने बाबा के आश्रम के अंदर मौजूद होने की बात कहीं थी।
आश्रम के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा
आश्रम के बाहर भारी तादात में पुलिस बल तैनात किए जाने से बाबा के आश्रम में मौजूद होने की संभावनाओं को बल मिलने लगा था। तभी से आश्रम के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा है।
रामकुटीर आश्रम के दो गेट है। एक गेट पर सुनहरे रंग से पेंट किया गया है। इसे सुनहरा गेट कहा जाता है। सूरज पाल का इसी गेट से जाना-जाना है। यह गेट सिर्फ सूरज पाल के आने-जाने के लिए ही खोला जाता है। जबकि दूसरा गेट कोने की ओर लगा है।
इस गेट से सेवादार अनुयायियों व अन्य का आना-जाना होता है। सुनहरा गेट के किनारे बची खाली जगह से अंदर का दिखाई देता है। यहां आने वाले मीडिया कर्मी इसी जगह से आश्रम के अंदर की गतिविधियों को छिपकर देखते थे।
गेट के पीछे लगाया गया सफेद पर्दा
गुरुवार सुबह मीडिया कर्मी पहुंचे तो सुनहरे गेट के पीछे सफेद पर्दे लगे दिखाई दिए। जिसके चलते अंदर का दृश्य दिखाई देना बंद हो गया है। पर्दे लगने के बाद लोगों ने दावा करना शुरू कर दिया है कि बाबा आश्रम के अंदर मौजूद है।
चिकित्सकों ने उन्हें नियमित टहलने की सलाह दी है। आश्रम के अंदर टहलते समय बाहर का कोई व्यक्ति उन्हें न देख सके, इसी इरादे से सुनहरे गेट के पीछे पर्दा लगाया गया है।
एसओ अवनीश त्यागी ने बताया कि उन्हें पर्दा लगाने की वजह के बारे में जानकारी नहीं है। पुलिस ने आश्रम की सुरक्षा को लेकर कड़े प्रबंध किए हैं। पुलिस की टीमें आश्रम के आसपास क्षेत्र की भी निगरानी कर रही है।