नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने चुनाव आयोग की चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर फिर जोर दिया। उन्होंने बताया कि लाखों चुनाव अधिकारी डेटा फीडिंग में शामिल होते हैं और किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में सिस्टम में रेड फ्लैग आने का प्रावधान है।
इसलिए मतदाता सूची, EVM की तैनाती, मतदान प्रतिशत और नतीजों के प्रबंधन के लिए चुनाव आयोग की व्यवस्था में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव और पांच महीने बाद हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी पर सवाल उठाए थे।
‘डेटा में फीडिंग में नहीं हो सकती गलती’
CEC ने बताया एटलस में पिछले आम चुनावों के आंकड़े शामिल हैं, जो चुनाव आयोग के डेटाबेस पर आधारित हैं। लगभग 10-10.5 लाख चुनाव अधिकारी डेटा फीड करते हैं। इतने सारे लोग इसमें शामिल होने के कारण, डिजाइन के हिसाब से, कुछ भी गलत नहीं हो सकता।
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई डेटा फीडिंग में गलती करता है, तो सिस्टम रेड फ्लैग दिखाएगा। यह सुनिश्चित करता है कि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी और विश्वसनीय रहे।
करोड़ों चुनाव अधिकारी चुनाव कराने में होते हैं शामिल
चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग के पास केवल 586 अपने कर्मचारी हैं, जबकि लगभग 2 करोड़ चुनाव अधिकारी, सुरक्षाकर्मी और राजनीतिक दलों के एजेंट लोकसभा चुनाव कराने में शामिल होते हैं। यह विशाल कार्यबल चुनावों को सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बता दें कि 2024 में 543 लोकसभा सीटों के लिए सात चरणों में चुनाव हुए थे। इसमें 97.98 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से 64.64 करोड़ (66.10 प्रतिशत) ने 10.5 लाख मतदान केंद्रों पर वोट डाले थे।