लाहौर। पाकिस्तान में मौत की सजा काट रहे भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज तांबा की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। सरफराज को लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में मोटरसाइकिल सवार अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी। उसको गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
अमीर सरफराज लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। वो ‘लाहौर का असली डॉन’ के नाम से कुख्यात था। पुलिस इस घटना की जांच कर रही है।
अमीर सरफराज के भाई ने घटना को किया याद
एफआईआर के अनुसार अमीर सरफराज के भाई जुनैद सरफराज ने कुछ जानकारी साझा की है। उसने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना के समय वो और उनके बड़े भाई घर में मौजूद थे। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। रविवार दोपहर 12.40 मिनट पर दो अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे।
दो शख्स घर में दाखिल हुए और…
एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था। वहीं, दूसरा चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था। इसके बाद एक शख्स ने अमीर सरफराज पर तीन गोलियां चलाई। इसके बाद दोनों अपराधी घटनास्थल से फरार हो गए। अस्पताल में इलाज के दौरान तांबा ने दम तोड़ दिया। जुनैद सरफराज ने बताया कि उसके भाई का किसी से दुश्मनी नहीं थी।
जासूसी का आरोप लगाकर सरबजीत को किया था गिरफ्तार
बता दें कि सरबजीत सिंह 30 अगस्त 1990 की शाम भारत पाकिस्तान सीमा पार करके पाकिस्तान चला गया था। बाद में उसे पाकिस्तान पुलिस ने इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया।
पाकिस्तान पुलिस ने दावा किया था कि तरन तारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।