संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। सोमवार को संभल की थाना नखासा क्षेत्र की चौकी रायसत्ती में हिरासत में मजदूर की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई, जिस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का रिएक्शन सामने आया है।
अखिलेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार के तहत प्रदेश के अंदर ‘हिरासत में मौत’ का सिलसिला थम नहीं रहा है। संभल में पूछताछ के नाम पर घर से ले गये व्यक्ति की हिरासत में मौत होने से जनाक्रोश भड़क उठा। अन्याय करनेवाली भाजपा सरकार अब अपने अंतिम दौर में है।
क्या है मामला?
मुहल्ला खग्गू सराय में परियों वाला मंदिर के पास में पल्लेदारी का काम करने वाला 45 वर्षीय इरफान अपने परिवार के साथ रहता था। इरफान पिछले कुछ समय से बीमार था, जिसकी वजह से काम छोड़ रखा है।
पैसों के लेनदेन को लेकर इरफान और उसकी बहन शफीका बेगम के बीच विवाद था। शफीका ने सोमवार को रायसत्ती पुलिस चौकी पर एक शिकायती पत्र देकर इरफान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
शिकायत मिलने पर चार पुलिसकर्मी इरफान के घर पहुंचे और उसे चौकी ले आए। चौकी पहुंचते ही इरफान की हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में पुलिसकर्मी उसे लेकर अस्पताल पहुंचे तो वहां पर मृत घोषित कर दिया।
परिवार ने पुलिस पर लगाया आरोप
इरफान के परिवार ने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया कि इरफान की तबियत सही नहीं थी, लेकिन पुलिसवालों ने उसको घर पर दवा भी नहीं खाने दी और जबरन पकड़कर चौकी ले गए। उसे टॉर्चर किया। इरफान की पत्नी रेशमा व बेटे अफनान ने दारोगा सहित चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।
एक दिन पहले मुरादाबाद में हुआ था आपरेशन
इरफान पल्लेदारी का काम करता था और वह हार्ट का भी मरीज था। उसकी पत्नी रेशमा ने बताया कि एक दिन पहले ही इरफान की नाक का ऑपरेशन हुआ था। मुरादाबाद के अस्पताल से रात ही घर आए थे।
आरोप है कि जब पुलिस कर्मी घर पर गए थे तो उसकी पत्नी ने पुलिस कर्मियों ने दवा खिलवाने का समय मांगा था, लेकिन पुलिस कर्मी डाट-फटकारते हुए उसे ले गए और जब चौकी में मौत हुई तो सभी पुलिस कर्मी छोड़कर गायब हो गए।