वॉशिंगटन। आगामी 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली डिबेट (बहस) हुई। इस बहस पर अमेरिका के साथ ही पूरी दुनिया की नजर रही।
इस बहस में बाइडन मतदाताओं को यह समझाने की कोशिश करते दिखे कि 81 साल की उम्र में भी वे फिर से संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बनने और देश को चुनौतियों से उबारने में सक्षम हैं।
वहीं 78 वर्षीय ट्रम्प इस अवसर का उपयोग लोगों को यह समझाने के लिए किया कि वे आपराधिक मामले में उनकी सजा से परे देखें और देश के लिए उनकी योजनाओं को देखें,जिसमें अर्थव्यवस्था भी शामिल है। हालांकि पहली बहस के दौरान खासी गरमा-गरमी देखने को मिली और इस दौरान दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ अमर्यादित भाषा का भी इस्तेमाल किया।
पहले आधे घंटे में बाइडन पर भारी पड़े ट्रंप
दोनों नेताओं के बीच यह बहस अटलांटा में एक मीडिया चैनल के मुख्यालय में हुई। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, ट्रम्प और बाइडन ने अपनी शुरुआती बातचीत में अर्थव्यवस्था पर बहस की, जिसमें दोनों नेताओं ने मुद्रास्फीति, नौकरियों और कर नीति को लेकर एक दूसरे पर हमला बोला। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि बहस के पहले आधे घंटे में बाइडन थोड़े नर्वस दिखाई दिए।
वहीं ट्रंप ऊर्जा से भरे हुए थे, लेकिन उन्होंने अपने जवाबों में झूठ का भी सहारा लिया। ट्रंप ने कैपिटल में हुए हंगामे को लेकर अपनी भूमिका से इनकार किया और दंगे में दोषी ठहराए गए लोगों के आचरण को भी खतरनाक मानने से इनकार कर दिया।
ट्रंप ने बाइडन को बेटे को लेकर घेरा
बहस के दौरान जो बाइडन ने कैपिटल हिल दंगे के लिए ट्रंप पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह व्यक्ति (ट्रंप) दोषी है। कैपिटल हिल हिंसा को रोकने के लिए इन्होंने कुछ नहीं किया। जिन लोगों ने कैपिटल हिल पर हमला किया, क्या ये उनकी निंदा करेंगे?
इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि ‘आपका बेटा एक दोषी है। जो बाइडन ने बतौर राष्ट्रपति जो भी काम किए हैं, उनके लिए इन्हें भी दोषी ठहराया जा सकता है। यह व्यक्ति एक अपराधी है। मैंने कुछ गलत नहीं किया।’ ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को लेकर बाइडन पर निशाना साधा और कहा कि ‘अगर वह राष्ट्रपति होते तो यूक्रेन युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता।’
महंगाई और अफगानिस्तान मुद्दे पर हुई बहस
दोनों नेताओं ने बहस शुरू होने के दौरान मंच पर एक दूसरे से हाथ भी नहीं मिलाया। इसी से दोनों नेताओं के बीच की तल्खी का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके बाद ही ट्रंप ने महंगाई के मुद्दे पर बाइडन सरकार को घेर लिया और कहा कि महंगाई अमेरिका को मार रही है।
अफगानिस्तान से सेना को वापस बुलाने के फैसले पर भी ट्रंप ने हमला बोला और कहा कि ‘जिस दिन अफगानिस्तान से सेना को वापस बुलाया गया, वह हमारे इतिहास का सबसे शर्मनाक दिन था।’
ट्रंप ने कहा कि ‘अगर मैं सेना को वापस बुलाता तो पूरे सम्मान, ताकत और शुचिता के साथ ही वहां से सैनिकों की वापसी होती।’ डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ‘अगर वह राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वह गर्भपात के लिए दवाई लेने पर रोक नहीं लगाएंगे।’
वहीं बाइडन ने ट्रंप के फैसले की आलोचना की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गाली-गलौज भी हुई और दोनों ने एक दूसरे को झूठा, धूर्त और मूर्ख कहा। बाइडन ने ट्रंप की अप्रवासी नीतियों की आलोचना की और कहा कि ‘ट्रंप की सरकार में बच्चों को उनकी मां से अलग कर दिया गया और परिवारों को बांट दिया। यह सही तरीका नहीं है।’
बाइडन ने ट्रंप के एडल्ट स्टार के साथ रिश्तों को लेकर भी तंज कसा, लेकिन ट्रंप ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि डेमोक्रेटिक अभियोजकों ने इस मामले में उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की।
‘मुद्दों से ज्यादा दोनों के चरित्र पर सभी का ध्यान’
बहस शुरू होने से पहले अल अरबिया न्यूज चैनल की पत्रकार नादिया बिलबासी-चार्टर्स ने कहा था कि यह बहस ‘असाधारण’ और अलग होने जा रही है क्योंकि पूरा ध्यान ‘दोनों राष्ट्रपतियों के चरित्र’ पर होगा न कि वास्तविक मुद्दों पर।
यह पहली बार हो रहा है जब DNC (अगस्त में होने वाला डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन) और RNC (जुलाई में होने वाला रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन) दोनों सम्मेलनों से पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच बहस ही रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास दो उम्मीदवार हैं जिन्हें 70 प्रतिशत अमेरिकी लोग नहीं चाहते हैं। साथ ही ये उम्मीदवार 2020 में भी आमने-सामने थे, इसलिए यह अमेरिका के लिए भी एक असाधारण समय है।
राष्ट्रपति बाइडन पर सभी की निगाहें होंगी और हर कोई यह देखने के लिए इंतज़ार कर रहा है कि क्या वह 90 मिनट तक खड़े रहेंगे, क्या वह बोलने में गलतियाँ करेंगे, क्या वह एकाग्रता खो देंगे, क्या वह नेताओं के नाम फिर से गलत लेंगे?