वॉशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद अमेरिकी प्रशासन लगातार नए आदेश जारी कर रहा है। शुक्रवार को अमेरिका के विदेश विभाग ने लगभग सभी विदेशी वित्तपोषण पर रोक लगा दी है।
अपवाद के तौर पर सिर्फ मानवीय खाद्य कार्यक्रमों और इस्राइल और मिस्त्र को मदद जारी रखी जाएगी। इसके साथ ही अमेरिका दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, नौकरी प्रशिक्षण की जो भी मदद देता है, उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लग जाएगी।
यूक्रेन को बड़ा झटका
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि सभी सहायता कार्यक्रम अमेरिका के हित में नहीं हैं। इस संबंध में सभी अमेरिकी दूतावास को यह आदेश जारी कर दिया गया है।
जिसमें बताया गया है कि नई सरकार वैश्विक आर्थिक सहायता के मद में कोई खर्च नहीं करेगी और दूतावास के पास ही जो फंड बचा है, उसके खत्म होने तक वे सहायता कार्यक्रम चला सकते हैं। अमेरिका के इस फैसले से सबसे बड़ा झटका यूक्रेन को लगेगा, जो रूस के साथ युद्ध में उलझा हुआ है।
हालांकि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन पहले ही बड़ी मात्रा में यूक्रेन के लिए फंडिंग की मंजूरी दे गए हैं, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग के फैसले से नई फंडिंग पर रोक लग गई है। ऐसे में यूक्रेन के सामने भारी चुनौती आने वाली है।
विदेश विभाग की समीक्षा के बाद होगा फैसला
वित्तपोषण पर रोक के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग इस बात की समीक्षा करेगा कि कौन सी अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को जारी रखा जा सकता। इस आदेश से मानवीय सहायता से जुड़े अधिकारियों को काफी निराशा हुई।
अमेरिका के इस फैसले से दुनियाभर में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की नई फंडिंग पर भी रोक लग गई है। दूतावासों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि फंडिंग रोकने का फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि फंडिंग प्रभावी हो और राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति के अनुरूप हो।
तीन महीने के भीतर विदेश विभाग की समीक्षा पूरी होने की उम्मीद है और इसके बाद राष्ट्रपति से सिफारिशें करने के लिए कि कौन सी विदेशी सहायता जारी रखी जाए और कौन सी बंद कर दी जाएं, इस संबंध में विदेश विभाग एक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसे विदेश मंत्री मार्को रूबियो, राष्ट्रपति ट्रंप के सामने पेश करेंगे।