मल्टीनेशनल कंपनी की तरह ऑफिस, कर्मचारियों के रहने के लिए आवास, 45 से 50 हजार रुपये प्रति महीने वेतन। इसके अलावा जितनी ज्यादा ठगी, उतना ज्यादा कमीशन। वियतनाम, कंबोडिया और लाओस में चीनी साइबर ठग इसी तरह से युवाओं को अपने पास बुलाकर रखते हैं। उन्हें ठगी के तरीके सिखाकर काम करवाते हैं। उनके एजेंट भारत में ही नहीं है, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और अफ्रीका से भी युवाओं को बुलाकर साइबर ठगी कराते हैं। यह जानकारी पुलिस को आरोपियों से पूछताछ और पीड़ित युवकों से बातचीत में पता चली है।
एडीसीपी आदित्य सिंह ने बताया कि विदेश में चीनी साइबर ठगों का पूरा सिंडीकेट काम कर रहा है। वह अच्छी बिल्डिंग में अपना ऑफिस खोलते हैं। कर्मचारियों के रहने और खाने का इंतजाम करते हैं। जिन लोगों को अपने पास बुलाते हैं, एयरपोर्ट पर उतरते ही उनका पासपोर्ट और वीजा एजेंटों के माध्यम से जब्त करा लेते हैं। तीन देशों वियतनाम, लाओस और कंबोडिया में ऑफिस बना रखे हैं। युवकों को एजेंट सभी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद कंपनी में ले जाते हैं। वहां आईडी कार्ड जारी कर दिया जाता है।

