लखनऊ। उप्र में सड़क निर्माण में घोटाला व काम में लापरवाही बरतने के मामले में नौ जिलों के अभियंता विभाग के रडार पर आ गए हैं। इनके विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग (PWD) मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी गई है। जल्द ही रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में नौ जिलों के कई अभियंताओं के नाम हैं। PWD का विभागीय मंत्री होने के नाते CM योगी आदित्यनाथ ने अक्टूबर में नई बनी सड़कों की जांच के निर्देश अधिकारियों को दिए थे।
इसके बाद प्रमुख सचिव अजय चौहान व विभाग के सलाहकार वीके सिंह तथा तत्कालीन विभागाध्यक्ष योगेश पवार ने हरदोई सहित 10 जिलों में नई बनी सड़कों की जांच कराई थी।
चार सड़कें गुणवत्ता के मानकों को खरी नहीं उतरी
तीनों शीर्ष अधिकारियों ने हरदोई में बनी सड़कों की जांच खुद की थी। हरदोई में नई बनी चार सड़कें गुणवत्ता के मानकों को खरी नहीं उतरी थीं। प्रयोगशाला में इनके नमूने भी फेल हो गए थे।
इसके बाद शासन ने बीते सप्ताह 16 अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। साथ ही सड़क का निर्माण करने वाले ठेकेदारों से भी 30 करोड़ रुपये वसूलने का निर्णय विभाग ने किया था।
इन जिलों में बनी सड़कों की भी कराई गई जांच
हरदोई के साथ ही विभाग ने कानपुर नगर, आजमगढ़, गाजीपुर, मुजफ्फरनगर, बलरामपुर, प्रतापगढ़, बदायूं, जालौन व बस्ती में बनी सड़कों की जांच भी कराई थी। इन सड़कों के 40 से ज्यादा नमूने लिए गए थे।
अभियंताओं के विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी शुरू
विभागीय सूत्रों के अनुसार प्रयोगशाला में जांच के दौरान इनमें से ज्यादातर नमूले फेल पाए गए हैं। इसकी रिपोर्ट भी मुख्यालय को भेज दी गई है। विभाग ने संबंधित अभियंताओं के विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह तक पहले संबंधित अभियंताओं पर कार्रवाई के अलावा घटिया सड़कों का निर्माण करने वाली कंपनियों के विरुद्ध भी कार्रवाई कर दी जाएगी। बता दें, करोड़ों की सड़क निर्माण में कमीशन को लेकर कोलतार और पत्थर आदि के काले खेल में 16 अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है।