गाजीपुर। उप्र के गाजीपुर जनपद के बरेसर के माटा गांव में झाड़-फूंक कर शैतान भगाने का दावा करने वाला मौलवी शान अहमद दुष्कर्म और मतांतरण के मामले में शनिवार को मुकदमा दर्ज होने के बाद से फरार है।
उसकी करतूत सामने आई तो गांव के लोग भी दंग रह गए। दूर-दराज से झाड़फूंक कराने आए ज्यादातर लोग रविवार को लौट गए। ग्रामीणों ने बताया कि मौलवी आधी रात में बाबा के प्रकट होने, शैतान भगाने की बात कहकर महिलाओं, युवतियों को अपने किलानुमा घर में ले जाता और ‘शैतान’ बनकर उनके साथ दुष्कर्म करता था।
महिला ने दर्ज कराया मुकदमा
बलिया की एक महिला ने उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया तो धीरे-धीरे उसकी करतूत सामने आने लगी। 2 अक्टूबर 1943 को आमिल अब्दुल गफूर साहब के निधन के बाद गांव में मजार बनी।
शुरुआत में मजार पर झाड़फूंक का काम आरोपित मौलवी शान अहमद के पिता नियाज अहमद करते थे। उनके इंतकाल के बाद शान अहमद ने कमान संभाल ली। उसने शुरू में प्रचार किया कि बाबा ने सपने में आकर बताया है कि जिले के लोगों का झाड़-फूंक करने से तनिक भी लाभ नहीं होगा।
इस तरह उसने जनपद के लोगों के मजार पर जाने पर रोक लगा दी। हालांकि बलिया, आजमगढ़, मऊ आदि आसपास के जनपदों के साथ बिहार आदि से लोग झाड़-फूंक के लिए उसके पास आने लगे। इनमें हिंदुओं की संख्या ज्यादा होती थी।
झाड़-फूंक के नाम पर मजार पर बुलाता था मौलवी
पीड़िता और कुछ ग्रामीणों ने बताया कि झाड़-फूंक के नाम पर मौलवी मजार पर बुलाता था। वहां कुछ देर रुकने के बाद रात में 12 बजे यह कहकर एक हाल में ले जाता कि बाबा प्रकट होंगे और आशीर्वाद देंगे तो शैतान भाग जाएगा। लोग उसके झांसे में आकर बात मान लेते थे।
बलिया की एक महिला ने शान अहमद पर आरोप लगाया है कि 18 मार्च 2024 को वह आरोपित मौलवी के पास गई तो झाड़-फूंक के नाम पर उसका यौन शोषण किया। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी।
महिला का कहना है कि उसने कुछ हिंदू लड़कियों के साथ दुष्कर्म कर उनका मतांतरण कराकर सेवा के लिए अपने पास ही रख लिया है। कोतवाल कासिमाबाद राजीव कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर आरोपित शान अहमद की तलाश की जा रही है। उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।