वाराणसी नगर निगम ने नए सिरे से शहर के सार्वजनिक धार्मिक स्थलों का सर्वे शुरू किया है। सर्वे करने वालों के अनुसार, अब तक 50 से अधिक धार्मिक स्थल मिले हैं जहां पूजा पाठ के अलावा कुछ हिस्से का व्यवसायिक इस्तेमाल किया जाता है। इनका प्रबंधन की ओर से किराया भी वसूला जाता है। चूंकि धार्मिक स्थलों के कर को लेकर पिछले दिनों मठ मंदिर प्रबंधन की ओर से आपत्ति की गई थी। जिसके बाद नगर निगम ने स्पष्ट किया था कि धार्मिक स्थलों को संपत्तिकर से मुक्त किया गया है। पहले गृहकर का बिल नगर निगम की ओर से जारी किया जाता था।
जलकल विभाग की ओर से जलकर और सीवरकर का बिल जारी किया जाता था। इस वित्तीय वर्ष से तीनों का एकीकृत बिल जारी हो रहा है। ऑटो जनरेटेड बिल जारी होने से दिक्कत आई थी। जिसे सुधारने का काम किया जा रहा है। नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 175 और 177 में वर्णित है कि धार्मिक स्थल गृहकर से मुक्त हैं, लेकिन जलकर और सीवरकर से अवमुक्त नहीं किया गया है।

