आगरा में औषधि विभाग की जांच में माफिया ने अधिक मांग वाली दवाओं को नकली बनाकर बाजार में खपाया है। नामी कंपनी के एक ही बैच नंबर से 1000 गुना दवाओं की कालाबाजारी की गई। इन सभी दवाओं के नमूने लेकर लैब में जांच कराई जा रही है।
सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि नकली दवा मामले में 8 फर्म का खेल सामने आया है, जिसमें हे मां मेडिकोज, राधे मेडिकल एजेंसी, बंसल मेडिकल एजेंसी, एमएसवी मेडी पॉइंट और ताज मेडिको हैं। इसके अलावा लखनऊ की न्यू बाबा फार्मा, पार्वती ट्रेडर्स और मीनाक्षा फार्मा पुडुचेरी हैं। 71 करोड़ रुपये की नकली दवाएं सीज की जा चुकी हैं। जांच के लिए विभिन्न दवाओं के 24 नमूने लैब भेज दिए गए हैं। इनकी जांच प्राथमिकता से कराई जा रही है।
इनमें जुकाम-खांसी, बुखार, एंटीबायोटिक, एंटी एलर्जिक, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दर्द निवारक, घाव भरने समेत अन्य रोग की दवाएं हैं। इनकी मांग अन्य दवाओं के मुकाबले सबसे ज्यादा रहती है। माफिया ने नामी कंपनियों के एक ही बैच नंबर से इन रोग की 1000 गुना तक दवाएं बनाकर कई राज्यों में कालाबाजारी की। इन फर्मों ने कहां-कहां बिक्री की है और कहां से खरीद की है, इसकी जांच की जा रही है। प्रदेश के सभी जिलों के औषधि निरीक्षकों को भी इन के नाम और दवाओं के बैच नंबर जारी करते हुए कारोबार करने की जानकारी मांगी है।
लखनऊ में नहीं पकड़े गए फर्म संचालक
औषधि विभाग की जांच में लखनऊ के विक्की कुमार की न्यू बाबा फार्मा और सुभाष कुमार की पार्वती ट्रेडर्स भी नकली दवा सिंडिकेट में शामिल हैं। इनके गोदाम बंद पड़े हैं। फर्म संचालक भी पकड़ में नहीं आ सके हैं। एसटीएफ पकड़ने के लिए लगातार दबिश भी दे रही है। एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार संचालक अपनी लोकेशन बदल रहे हैं। लखनऊ के बाद गोवा में लोकेशन मिल रही है। इनकी पकड़ के लिए संंबंधित राज्यों की पुलिस से भी मदद ले रहे हैं।

