मऊ। उप्र के मऊ जनपद की घोसी लोकसभा सीट पर सातवें चरण में एक जून को मतदान होना है। जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे इस सीट पर मुकाबला बेहद रोमांचक होता जा रहा है।
इस सीट पर प्रदेश के तीन कैबिनेट मंत्रीयों ओमप्रकाश राजभर, दारा सिंह चौहान व एके शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यदि यहां पर एनडीए प्रत्याशी सुभासपा के अरविंद राजभर विजयी रहे तो इसका श्रेय सभी लेना चाहेंगे, लेकिन अगर हार हुई तो इसका ठिकरा भी इन्हीं तीनों पर फूटेगा। दूसरी ओर सपा के राजीव राय व बसपा प्रत्याशी पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
घोसी लोकसभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के अतुल राय ने 5,73,829 मत प्राप्त किए थे। वहीं, भाजपा के हरिनारायण राजभर को 4,51,261 वोट मिले थे। इस तरह अतुल राय ने 1,22,566 मतों से जीत हासिल की थी। सपा-बसपा का गठबंधन होने का फायदा अतुल राय को मिला था और वह सांसद बने थे।
एनडीए गठबंधन से सुभासपा के अरविंद राजभर यह प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के पुत्र हैं ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब कुल 28 उम्मीदवार मैदान में है। चुनाव में महज एक सप्ताह का समय शेष है ऐसे में सभी दलों के नेताओं व स्टार प्रचारकों का आगमन जारी है।
अरविंद राजभर के पक्ष में प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक पूर्व में यहां आकर कार्यकर्ताओं का मनमुटाव दूर कर चुके हैं। वहीं, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही व दारा सिंह चौहान कई चक्र में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति बना चुके हैं। भाजपा के स्थानीय नेताओं का दावा है कि पूरी पार्टी के पदाधिकारी बूथ स्तर पर मतदाताओं को अपने पक्ष में कर रहे हैं।
वहीँ सपा प्रत्याशी राजीव राय के पक्ष में राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा जनसभा कर चुके हैं तो राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव केंद्रीय कार्यालय पर बैठक कर रणनीति बना चुके हैं।
बसपा उम्मीदवार पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान के समर्थन में खुद बसपा की मुखिया मायावती मुहम्मदाबाद गोहना विधानसभा में जनसभा कर कार्यकर्ताओं में जोश भर चुकी हैं।
घोसी लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाता- 20,55,818 हैं जिनमे पुरुष मतदाता- 10,90,327 व महिला मतदाता- 9,65,407 है। कुल मिलाकर जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह तो आने वाल समय ही बताएगा लेकिन घोसी सीट पर मंत्रियों की लगी प्रतिष्ठा भी मतदाताओं के नजर में रहेगी।