वॉशिंगटन। US राष्ट्रपति चुनाव में कुछ दिनों पहले तक डेमोक्रेट पार्टी रिपब्लिकन पार्टी के सामने कमजोर पड़ रही थी और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही थी। हालांकि अब हालात बदलते दिख रहे हैं।
जो बाइडन के राष्ट्रपति पद की रेस से हटने और उनकी जगह कमला हैरिस के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने के बाद से डेमोक्रेट पार्टी की जनाधार तेजी से बढ़ रहा है और ट्रंप ने जो लीड ली थी, वो अब तेजी से कम हो गई है।
क्या ट्रंप पर भारी पड़ेंगी कमला हैरिस?
चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में बताया गया है कि कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के सर्वेक्षणों में हैरिस और ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है और इस महीने की शुरुआत में ट्रंप के पास छह अंकों की बढ़त थी, लेकिन अब कमला हैरिस के चुनाव मैदान में उतरने के बाद ट्रंप अपनी बढ़त गंवा चुके हैं और अब ट्रंप को 48 प्रतिशत तो हैरिस को 47 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिल रहा है।
अश्वेत, हिस्पैनिक मतदाताओं का डेमोक्रेट के लिए बढ़ा समर्थन
खासकर अश्वेत मतदाताओं के समर्थन में जबरदस्त इजाफा हुआ है। न्यूयॉर्क टाइम्स के सर्वेक्षण के अनुसार, जो बाइडन को राष्ट्रपति पद की रेस में रहने के दौरान डेमोक्रेट पार्टी को 59 प्रतिशत अश्वेत मतदाताओं का समर्थन मिल रहा था, जो अब कमला हैरिस के आने के बाद बढ़कर 69 प्रतिशत हो गया है।
साथ ही हिस्पैनिक मूल के मतदाताओं का भी डेमोक्रेट पार्टी के लिए समर्थन 45 प्रतिशत से बढ़कर 57 प्रतिशत हो गया है। 30 साल से कम उम्र के मतदाताओं का समर्थन भी डेमोक्रेट्स के लिए 46 प्रतिशत से बढ़कर 56 प्रतिशत हो गया है।
कमला हैरिस ने शनिवार को आधिकारिक रूप से डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से अपनी राष्ट्रपति पद की दावेदारी का एलान कर दिया। इस दौरान कमला हैरिस ने कहा कि मैं हर वोट पाने के लिए कड़ी मेहनत करूंगी और नवंबर में लोगों की ताकत से बना चुनाव अभियान जीत दर्ज करेगा। बता दें कि कमला हैरिस को ओबामा दंपति का भी समर्थन मिल गया है।