जोशीमठ (चमोली)। शुक्रवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा के पास भीषण हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह से जारी है। प्रदेश में आज भी कई जिलों में बारिश के आसार है। वहीं चमोली में हिमस्खलन का खतरा बरकरार है।
पांच की तलाश
बर्फ में फंसे श्रमिकों को निकालने का काम तेजी से किया जा रहा है। अब तक 49 श्रमिक सुरक्षित निकाले जा चुके हैं। जबकि पांच की तलाश जारी है।
एक घायल व्यक्ति की मौत
हिमस्खलन बचाव अभियान अभी जारी है। सड़कें अवरुद्ध होने के कारण कुल छह हेलिकॉप्टरों को लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया है।
लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव PRO डिफेंस देहरादून की ओर से जानकारी दी गई कि अभी तक 47 में से 23 मजदूरों को जोशीमठ पहुंचाया जा चुका है। दुर्भाग्य से, एक घायल व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है और एक की हालत गंभीर है। घायलों को निकालने के लिए प्राथमिकता दी जा रही है।
उत्तराखंड में 13 ग्लेशियर झीलें मचा सकती हैं तबाही
आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड में चमोली जिले के माणा के पास हुए हिमस्खलन की घटना के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित ग्लेशियर झीलों का विषय भी चर्चा के केंद्र में हैं। ये झीलें भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्य में जोखिम की दृष्टि से 13 ग्लेशियर झीलें चिह्नित की हैं, जिनमें से पांच उच्च जोखिम वाली मानी गई हैंं। प्रथम चरण में इन्हीं पांच के अध्ययन का निर्णय लिया गया है। चमोली जिले की वसुधारा झील का अध्ययन हो चुका है और इसके आंकड़ों का विश्लेषण चल रहा है।