देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में बुधवार को हुई भारी बारिश से कई जगह जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। अलग-अलग हादसों में दस लोगों की मौत हो गई, जबकि चार लोग लापता हैं, उनकी तलाश जारी है।
उधर, केदारघाटी में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। टिहरी में तिलवाड़ा पुल बह गया है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी से भीमबली के बीच लिंचोली के पास बादल फटने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशाने से ऊपर पहुंच गया है।
सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने देर रात गौरीकुंड और सोनप्रयाग में बाजारों के साथ होट और लॉज को खाली करवा दिया। तप्तकुंड और केदारनाथ पैदल मार्ग को करीब 30 मीटर हिस्सा बह गया है। एहतियात के तौर पर 200 लोगों को जीएमवीएन के गेस्ट हाउस और पुलिस चौकी में ठहराया गया है।
गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच चट्टान रास्ते पर गिरने की भी सूचना है। उधर, टिहरी के घनसाली में भिलंगना ब्लॉक के नौताड़ तोक में एक छोटा होटल ढहने से दंपती भानु व नीलम की मौत हो गई। जबकि गैरसैंण के रोहिड़ा में एक मकान पर मलबा गिरने से एक महिला की मौत हो गई। दूसरी ओर चमोली के बेलचोरी में मकान ढहने से दो लोग लापता हो गए हैं।
दून में एक की मौत, एक लापता
देहरादून शहर में बुधवार शाम से शुरू हुई तेज बारिश देर रात तक जारी रही। कुछ ही देर में नालापानी में सड़क पर पानी इतना तेज बहने लगा कि दो लोग बहकर लापता हो गए। जिनमें से एक का शव बरामद हो गया।
वहीं, रिस्पना समेत शहर के नदी-नाले उफान पर आ गए। नदियों किनारे बसे निचले इलाकों में रात तक बाढ़ जैसे हालात बन गए। कई कॉलोनियों में पानी भर गया।
कुमाऊं : दो बच्चे बहे, एक की मौत
कुमाऊं में भी बारिश से जानमाल का खासा नुकसान हुआ है। बागेश्वर जिले में शुभम (14) पुत्र संतोष सरयू में बह गया। हल्द्वानी के इंदिरानगर निवासी रिजवान(8) नाले में बह गया। धारी ब्लॉक के उडियारी पल्लाधार में पहाड़ी से पत्थर गिरने से लालराम (48) की मौत हो गई। इसके अलावा तीन लोगों को बहने से बचाया गया है।
रुड़की में करंट से दो की मौत
रोडवेज बस स्टेशन के पास बिजली के तारों से घिरे एक खंभे के नीचे पेड़ में बारिश के कारण अचानक करंट फैल गया। पेड़ के नीचे बस का इंतजार कर रहे सरोज निवासी कांवली रोड देहरादून और प्रदीप निवासी लंढौरा करंट की चपेट में आ गए। दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
लिंचोली में बादल फटने से खासा नुकसान हुआ है। एसडीएम अनिल कुमार के मुताबिक गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर जाने वाला पैदल मार्ग करीब 30 मीटर बह गया है। मंदाकिनी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। तप्तकुंड भी बह गया है। देर रात गौरीकुंड और सोनप्रयाग बाजार खाली करा लिए गए। 40 लोगों ने जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में शरण ले ली है।