केंद्रीय युवा मामले एवं खेल, श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि जितनी खराब नशे की लत है, उतनी ही मोबाइल पर रील देखने की है। दोनों से दूर रहना है। 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए युवाओं को नशीले पदार्थों, मोबाइल फोन और रील से दूर रखना होगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण ने शनिवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में विकसित भारत के लिए नशामुक्त युवा विषय पर युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया। इसमें देश भर के 122 आध्यात्मिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के 600 से अधिक युवा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को परिवर्तनकर्ता के रूप में देखा जाना चाहिए। मादक द्रव्यों का सेवन युवाओं के सामने सबसे बड़े खतरों में से एक है। यह राष्ट्रीय प्रगति के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसके लिए जागरूकता जरूरी है। एक शिविर या सीमित प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। इसे जन आंदोलन बनाने की जरूरत है। प्रत्येक नागरिक कम से कम पांच अन्य लोगों को नशा विरोधी अभियान में शामिल करे, तभी अभियान को गति मिल सकेगी।