शिमला। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस विक्रमादित्य सिंह को टिकट देने जा रही है। इस बात का ऐलान उनकी मां और मंडी सीट से मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह ने किया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी हाईकमान इस सीट से किसी युवा को उतरना चाहती है। ऐसे में विक्रमादित्य सिंह का नाम आगे किया गया है। जल्द इसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दी जाएगी।
प्रतिभा सिंह से हिमाचल की सीटों पर उम्मीदवार को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि इसके लिए 2-3 नाम शॉर्ट लिस्ट किए गए हैं। अब ये पार्टी आलाकमान पर निर्भर करता है कि वह किसे चुनते हैं। वही मंडी सीट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सभी नेता ये मानते हैं कि इस बार पार्टी को किसी युवा नेता को यहां टिकट देना चाहिए। ऐसे में विक्रमादित्य सिंह के नाम पर सहमति बनी है। सभी नामों का आधिकारिक ऐलान जल्द कर दिया जाएगा।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस बात के संकेत दे चुके हैं कि पार्टी इस बार मंडी से विक्रमादित्य को मौका दे सकती है। उन्होंने कहा है कि मंडी से इस बार कोई युवा नेता ही चुनावी मैदान में उतरेगा ये तय है। बता दें, बीजेपी ने इस सीट से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद से ही ये सीट लगातार चर्चा में बनी हुई है। पिछले कुछ दिनों से विक्रमादित्य सिंह और कंगना रनौत के बीच जुबानी जंग भी काफी तेज होती नजर आ रही है जिसके बाद से ही अटकलों का बाजार गर्म है।
राज्यसभा चुनाव के बाद से बढ़े तनाव को कम करने की कोशिश
विक्रमादित्य सिंह को मंडी से उम्मीदवार बनाने की एक बड़ी वजह ये भी मानी जा रही है कि पार्टी आलाकमान इस एक कदम के जरिए राज्यसभा चुनाव के बाद पार्टी के भीतर बढ़े तनाव औ गुटबाजी को कम करना चाहती है।
इस राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी जिससे बीजेपी उम्मीदवार को जीत हासिल हुई थी। फिलहाल ये 6 बागी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं और इन 6 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भी बीजेपी ने इन नेताओं को ही उम्मीदवार बनाया है।
विक्रमादित्य सिंह ने दिया था इस्तीफा
राज्यसभा चुनाव के बाद विक्रमादित्य सिंह ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस्तीफा देते हुए उनके खेमे के विधायकों की अनदेखी का आरोप लगाया था। इसके साथ उन्होंने ये भी कहा था कि पूरा चुनाव उनके पिता वीरभद्र सिंह के नाम पर हुआ लेकिन भारी मन के साथ कहना पड़ रहा है कि जिस व्यक्ति की वजह से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी उसकी मूर्ती लगाने के लिए ही शिमला मॉल रोड मपर जमीन नहीं मिली।