जिरीबाम। मणिपुर के जिरीबाम जिले में शांति वार्ता के एक दिन बाद ही एक और आगजनी की घटना घटी। इस घटना में एक मैतेई परिवार का घर जला दिया गया। यह घटना शुक्रवार रात को हुई। इससे पहले मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों ने जिले में शांति और आवाजाही के लिए बैठक की थी। आगजनी की यह घटना लालपानी में हुई। लालपानी एक बंगाली बहुल इलाका है। यह सेजांग नामक एक कुकी गांव के करीब है।
जिरीबाम के एसपी एम. प्रदीप सिंह ने कहा कि हमने CRPF के साथ एक संयुक्त टीम भेजी है। कुछ उकसावे की कार्रवाई हुई थी लेकिन हमने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया। हम ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के उपायों पर विचार कर रहे हैं।
इससे पहले गुरुवार को मैतेई और कुकी हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले जिरीबाम के 9 नागरिक समाज संगठनों के नेताओं ने कछार में CRPF समूह केंद्र में एक बैठक में भाग लिया।
इस बैठक में थडौ, पैतेई और मिजो प्रतिनिधि भी शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिरीबाम के डीआईझी CRPF,39 असम राइफल्स और 87 बटालियन CRPF के कमांडेंट ने की। ह्मार, थडौ, पैतेई और मिजो सभी ज़ो के अंतर्गत आते हैं। जो समुदाय वर्तमान में मणिपुर में मैतेई लोगों के साथ संघर्ष में है।
बैठक में वे तीन प्रमुख प्रस्तावों पर हुए थे सहमत
पहला- दोनों पक्ष सामान्य स्थिति लाने और आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं को रोकने के लिए पूरे प्रयास करेंगे।
दूसरा- जिले में काम कर रहे सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करना।
तीसरा-नियंत्रित और समन्वित आवाजाही
इस साल में दूसरी बैठक
यह इस साल जिरीबाम से दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों के बीच आयोजित इस तरह की दूसरी बैठक थी। पहली बैठक 1 जुलाई को हुई थी। यह बैठक जिरीबाम में तनाव शुरू होने के एक महीने से भी कम समय में हुई थी।
एसपी प्रदीप सिंह ने कहा कि आगजनी की घटना को इन घटनाक्रमों के खिलाफ प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक वर्ग ऐसा है जो शांति नहीं चाहता है। आगे का रास्ता चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम विचलित नहीं हो सकते। हम इसके लिए काम करते रहेंगे।