नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हरी झंडी मिल गई है। 10 मार्च से 4 अप्रैल तक बजट सत्र का दूसरा चरण चलेगा। इसी दौरान वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पेश किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक 19 फरवरी को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में 14 बदलावों को मंजूरी दी गई है। विधेयक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को भी शामिल करने का प्रस्ताव है। 13 फरवरी को वक्फ विधेयक से जुड़ी JPC रिपोर्ट जब संसद में पेश की गई तब विपक्ष ने इस पर खूब हंगामा किया।
रिजिजू ने पेश किए थे दो विधेयक
पिछले साल 8 अगस्त को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक- 2024 पेश किए थे। इन विधेयकों का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के काम को व्यवस्थित और वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन करना है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2024 का उद्देश्य वक्फ अधिनियम- 1995 में संशोधन करना है ताकि वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में आने वाली समस्याओं को खत्म किया जा सके।
क्यों निरस्त होगा 1923 का कानून?
मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक- 2024 का उद्देश्य मुसलमान वक्फ अधिनियम-1923 को निरस्त करना है। यह कानून अंग्रेजों के समय का है और आज के हिसाब से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए अपर्याप्त है।
इसके निरस्त करने के पीछे की एक वजह यह भी है कि वक्फ संपत्तियों के प्रशासन, प्रबंधन में एकरूपता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
इन 14 बदलावों को मिली मंजूरी
- वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का नाम बदलकर प्रस्तावित नाम ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास विधेयक’ होगा।
- राज्य वक्फ बोर्डों में मुस्लिम ओबीसी समुदाय से एक सदस्य होगा।
- बोर्ड में महिलाओं को मिलेगी जगह।
- गैर-मुस्लिम भी होंगे बोर्ड का हिस्सा।
- छह महीने के भीतर सभी वक्फ संपत्तियों का विवरण केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
- वक्फ बोर्ड की संपत्तियां सीमित होंगी।
- सभी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण होगा।
- बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारी सीआईओ के तौर पर नियुक्त होगा।
- ऑडिट प्रणाली को बेहतर किया जाएगा।
- संपत्तियों के देखरेख में जिलाधिकारी की भूमिका बढ़ेगी।
- सरकार का अधिकारी तय करेगा कि संपत्ति वक्फ है या नहीं।
- वक्फ संपत्तियों के दावे के लिए सत्यापन प्रक्रिया अनिवार्य।
- अवैध कब्जों को रोका जाएगा।
- संपत्ति के अनाधिकृत हस्तांतरण पर कड़ी सजा का प्रावधान।
विपक्ष के बदलावों को नहीं मिली मंजूरी
वक्फ विधेयक पर कुल 67 बदलाव प्रस्तावित किए गए थे। भाजपा और सहयोगी दलों के 23 प्रस्तावों को जेपीसी ने स्वीकार कर लिया था। वहीं विपक्ष के 44 बदलावों को खारिज कर दिया था।
हालांकि मतदान के बाद सिर्फ 14 बदलावों को मंजूरी मिली। अब केंद्रीय कैबिनेट ने भी JPC के इन बदलावों को मंजूरी दी है। बता दें कि जेपीसी में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 16 और विपक्ष के 10 सांसद थे।