रियो डी जनेरियो। भारत की सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन (सर्वोच्च न्यायालय और संवैधानिक न्यायालयों के प्रमुखों की मीटिंग) को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जज न तो राजकुमार हैं और न ही संप्रभु हैं। जज का काम सेवा करना है। हम सार्वजनिक पद पर बैठे पदाधिकारी हैं।
कोविड के बाद कोर्ट के कामकाज का तरीका बदल गया
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद सुप्रीम कोर्ट के कामकाज का तरीका बदल गया। कोर्ट की पारदर्शिता बढ़ गई। उन्होंने कहा कि सही और सटीक जानकारी प्रदान कर हम फेक न्यूज से निपटने में सक्षम हैं।
ब्राजील के संघीय सुप्रीम कोर्ट (STF) की अगुवाई में जी20 शिखर सम्मेलन के इस मीटिंग का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में सामाजिक न्याय, पर्यावरणीय स्थिरता और बेहतर न्यायिक दक्षता के लिए प्रौद्योगिकी के एकीकरण सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
कोर्ट की कार्यवाही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्वपूर्ण योगदान
सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के हो रहे इस्तेमाल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कभी-कभी वकीलों के जरिए कोर्ट की सही जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच पाती है। सौभाग्य से आज के समय कानूनी पत्रकारों का एक मजबूत नेटवर्क है जो कार्यवाही की लाइव-रिपोर्टिंग करते हैं और दुष्प्रचार को दूर करने में मदद करते हैं। ।
CJI ने आगे कहा कि हम अपने निर्णयों के लिए एसयूवीएएस (सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर), एक मशीन लर्निंग, एआई-सक्षम अनुवाद उपकरण का उपयोग कर रहे हैं।
16 क्षेत्रीय भाषाओं में अब तक 36,000 से अधिक मामलों का अनुवाद किया जा चुका है। वहीं, महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग और यूट्यूब रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध हैं जो संपूर्ण संदर्भ प्रदान करती हैं।