लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में काम्प्लेक्स गिरने के पीछे कारण कई निकाले जा रहे हैं। कोई काम्प्लेक्स के सामने सालों से जलभराव को मुख्य कारण मान रहा है तो कोई हरमिलाप काम्प्लेक्स के निर्माण में बरती गई ढिलाइयों व काम्लेक्स के पिलर में ट्रक की टक्कर भी कारण माना जा रहा है।
वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण ने राहत की सांस लेते हुए बयान जारी किया है कि भूखंड संख्या टीपीएन 54 का नक्शा पास था। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए एलडीए कार्यालय शनिवार की रात खुलवाया और संबंधित भूखंड की पूरी जानकारी हासिल की।
यही नहीं मौके पर एलडीए सचिव के साथ टीम भेजकर जानना चाहा कि कही निर्माण के दौरान कोई अनियमितता और मानकों की अनदेखी तो नहीं की गई थी। इसकी विस्तृत रिपोर्ट टीम ने वरिष्ठों को दी है लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। वहीं सेटबैक व अन्य मानक पालन किए गए थे या नहीं, इसकी जानकारी अभियंता देने से बचते रहे। अभियंताओं का तर्क था कि मौके पर मलबा होने के कारण बताना संभव नहीं है।
ट्रांसपोर्ट नगर योजना के अंतर्गत प्रवर्तन प्रभारी जोन दो अतुल कृष्ण सिंह ने बताया कि भवन स्वामी कुमकुम सिंघल के नाम से टीपीएन 54 भूखंड है। सिंघल के नाम भूखंड आवंटित हुआ था और मार्च 2010 में नक्शा स्वीकृत के लिए आवेदन किया गया था और 31 अगस्त 2010 को जांच के बाद परमिट संख्या 29474 पर नक्शा स्वीकृत कर दिया गया था।
मौके पर भवन स्वामी द्वारा कोई बेसमेंट नहीं बनाया गया है। उन्होंने बताया कि काम्प्लेक्स पूरी तरह से धराशायी हो जाने के कारण यह बता पाना बेहद मुश्किल है कि अन्य मानक पूरे किए गए थे या नहीं। सिंह ने कहा कि अन्य पहलुओं की जांच अभी जारी रहेगी और जल्द ही जांच रिपोर्ट जारी की जाएगी।
टीम देर रात तक आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज से काम्प्लेक्स का विस्तृत ब्योरा लेने का प्रयास करती रही। हालांकि क्षेत्र में बिजली विभाग द्वारा बिजली काट देने से सीसीटीवी फुटेज मिलने में एलडीए अफसरों को सफलता नहीं मिल सकी।
वहीं एलडीए ने दूसरी टीम लालबाग कार्यालय भेजी। यहां भी पेशकार व अन्य स्टाफ संबंधित परमिट व भवन संख्या के आधार पर नोटिस खोजते रहे लेकिन यहां भी एलडीए की टीम को सफलता नहीं मिली। अफसरों ने बताया कि रविवार को भी जरूरत पड़ने पर कार्यालय खोलकर जांच की जाएगी।
…तो कौन करेगा ये व्यवस्थाएं
इस हादसे की वजह क्या है, यह भले ही जांच के बाद स्पष्ट हो, लेकिन कई गड़बड़ियां उजागर जरूर हो रही हैं। अगर ट्रकों को लोडिंग और अनलोडिंग के लिए गलत ढंग से लगाया जाता है तो इस पर जिम्मेदारों की नजर अब तक क्यों नहीं पड़ी?
इतना ही नहीं, नालियां न होने की वजह से पानी भर रहा है तो ट्रांसपोर्ट नगर जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर यह व्यवस्थाएं अब तक क्यों नहीं कराई जा सकी? ट्रांसपोर्टरों ने आरोप लगाया है कि नगर निगम जलकर व गृहकर करोडों रुपये हर साल वसूलती है लेकिन मूलभूत सुविधाएं तक यहां नहीं दी गई हैं।
ट्रांसपोर्ट नगर में कई हरमिलाप काम्प्लेक्स अभी भी
ट्रांसपोर्ट नगर में हरमिलाप काम्प्लेक्स की तरह कई और काम्प्लेक्स बने हैं। इनके आसपास भी जलभराव है। इन काम्प्लेक्स मालिकों ने मानक पूरे किए हैं या नहीं इसकी जांच की जरूरत है। कम से कम भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो उसके लिए एलडीए व नगर निगम को संयुक्त निरीक्षण करते हुए काम्प्लेक्स को चिह्नित करना होगा।