नई दिल्ली। इस बार की गणतंत्र दिवस की परेड सशक्त और सुरक्षित भारत का संदेश देगी। पहली बार तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी कर्तव्य पथ से गुजरेगी। इसमें सेना के तीनों अंग से थल, जल और नभ में बेहतर तालमेल को दर्शाया गया है। वहीं, बृहस्पतिवार को फुल ड्रेस रिहर्सल में कर्तव्य पथ पर यह भाव दिखा।
सेना के तीनों अंगों की संयुक्त झांकी में थल सेना का स्वदेशी मुख्य युद्धक अर्जुन टैंक, वायुसेना का तेजस एमकेआइआइ लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकाप्टर, नौसेना का विध्वंसक INS विशाखापत्तनम और दूर से संचालित विमान एक साथ जमीन, पानी और हवा में एक सिंक्रोनाइज आपरेशन का ऐसा प्रदर्शन किया, जिससे लगा कि युद्ध क्षेत्र में आए हो।
इस झांकी का विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ है। बाइकों पर अद्भुत व हैरतअंगेज कारनामे दिखाते बीएसएफ सेना के जवानों को देखकर लोगों ने दांतों तले अंगुली दबा ली।
परेड में मौसम विभाग ने भी पहली बार झांकी निकाली। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की झांकी में भारत की सांस्कृतिक विविधता और रचनात्मकता की झलक दिखाई दी। झांकी का मुख्य आकर्षण काइनैटिक कल्पवृक्ष से लेकर कुम्हार के चाक पर याढ़ (तमिल वाद्ययंत्र) था।
भोर से ही लोगों का कर्तव्य पथ पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था। 76वीं गणतंत्र दिवस परेड के फुल ड्रेस रिहर्सल को देखने पहुंचे लोगों का जोश देखते ही बन रहा था। वह भारत माता के जयकारे लगा रहे थे।
झांकियों में देश की विविधता और सांस्कृतिक समावेशिता को दर्शाने वाली विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों की कुल 26 झांकियां कर्तव्य पथ पर उतरीं।
इसमें 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ 10 मंत्रालयों और विभागों की झांकियां थीं। इस बार झांकियों की थीम- ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है। जिससे 150 वर्षों के समृद्ध इतिहास व विरासत को दर्शाया गया।
खास बात है कि प्रयागराज के महाकुंभ की छटां कर्तव्य पथ पर दिखाई दी। उत्तर प्रदेश की झांकी में पवित्र गंगा, अविरल यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर हो रहे महाकुंभ का दिव्य स्वरूप देखने को मिला।