नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी का बड़ा महत्व है। यह दिन बेहद ही शुभ माना जाता है, क्योंकि यह भगवान विष्णु को समर्पित है। इस पवित्र दिन पर भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। फिर द्वादशी तिथि में व्रत का पारण करते हैं। एक माह में दो एकादशी पड़ती हैं। एक शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में। इस तरह साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं।
सितंबर माह में पड़ने वाली एकादशी-
परिवर्तनी एकादशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के आधार पर भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि 13 सितंबर, 2024 दिन शुक्रवार को रात 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 14 सितंबर, 2024 दिन शनिवार को रात 08 बजकर 41 मिनट पर होगा। उदया तिथि में 14 सितंबर को परिवर्तनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
इंदिरा एकादशी शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शुक्रवार 27 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी। इसका समापन शनिवार 28 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर होगा। इसलिए 28 सितंबर को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
एकादशी पूजा विधि
पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
एक वेदी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा और श्रीयंत्र के साथ देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें।
मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और फूल-माला अर्पित करें।
गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
पांच मौसमी फल, सूखे मेवे, पंजीरी-पंचामृत और मिठाई का भोग लगाएं।
भोग में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें।
वैदिक मंत्रों का जाप और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
आरती से पूजा को पूर्ण करें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सूचना के लिए हैं। अपनाने से पूर्व सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।