नई दिल्ली/वाशिंगटन। जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा से वापस लौटें हैं, तभी से अमेरिका कुछ नाराज नजर आ रहा है। दरअसल, पीएम मोदी के रूस यात्रा से अमेरिका काफी नाराज है। भारत में तैनात अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी का धमकी भरा लहजा भारत को कतई पसंद नहीं आया है।
वहीं, अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने भी चेताया था कि भारत का एक लंबे समय तक रूस पर भरोसा करना बिल्कुल सही नहीं है। दरअसल, गुरूवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में एरिक ने कहा था कि ‘भारत-अमेरिका संबंध पहले से कहीं अधिक व्यापक और गहरे हैं, लेकिन ये इतने गहरे भी नहीं हैं कि इन्हें हल्के में लिया जाए।’
डोभाल और सुलिवन के बीच क्या हुई वार्ता?
अमेरिकी राजनयिक के ये तीखे शब्द प्रधानमंत्री मोदी के रूस और ऑस्ट्रिया की दो देशों की यात्रा समाप्त करने के बाद दिल्ली पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद आई थी। हालांकि, अब भारत ने भी इस तीखे बोल पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकर अजित डोभाल ने शुक्रवार को जैक सुलिवन के साथ फोन पर बातचीत की।
विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच हुई बातचीत की जानकारी देते हुए बताया कि डोभाल और सुलिवन के बीच शांति और सुरक्षा की दिशा में वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर बातचीत हुई। इसके अलावा भारत और अमेरिका के बीच वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के सामूहिक काम करने की जरूरत को भी दोहराया।
भारत-अमेरिका के संबंधों पर क्या हुई बात?
दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भारत-अमेरिका के संबंधों पर भी खुलकर बातचीत की। साथ ही आपसी सहमति के साथ काम करने की दिशा पर भी चर्चा की जो सामान्य रणनीतिक और सुरक्षा हितों’ पर बने हैं।
दोनों के बीच ‘द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर भी बातचीत हुई। जुलाई 2024 में और बाद में होने वाले क्वाड फ्रेमवर्क के तहत आगामी उच्च-स्तरीय कार्यक्रमों पर भी चर्चा की।
भारत से नाराज था अमेरिका?
दरअसल, गार्सेटी ने कहा था कि जब दूसरे देश नियमों पर आधारित व्यवस्था के खिलाफ जाते हैं तो भारत और अमेरिका को लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कायम रखना चाहिए। गार्सेटी का यह बयान पीएम मोदी की हाल की मॉस्को यात्रा के बाद आया था।