धारचूला (उत्तराखंड)। एक सप्ताह बाद उच्च हिमालय में मौसम साफ होने पर उत्तराखंड में अब ग्लेशियर टूटने लगे हैं। तेजी से पिघल रही बर्फ सड़कों पर जमा हो रही है, जिससे यातायात बाधित हो रहा है। व्यास वैली में चम्पू नाले के पास ग्लेशियर टूटने से तवाघाट-लिपूलेख सड़क बंद हो गई है। वहीं दारमा वैली में छत पर जमा बर्फ के भार से एक मकान ध्वस्त हो गया है।
ग्लेशियरों के टूटने की आशंका को देखते हुए धारचूला तहसील प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। बता दें कि एक सप्ताह पूर्व मध्य से उच्च हिमालय में भारी हिमपात हुआ था। गांवों में चार से पांच फुट तक बर्फ जमा हो गई थी।
सीपू और चम्पू टूटा ग्लेशियर
बुधवार को मौसम साफ होने के बाद अब बर्फ पिघलने लगी है। तवाघाट- लिपूलेख मार्ग के निकट सीपू और चम्पू ग्लेशियर टूटने से भारी बर्फ चम्पू नाले के पास जमा हो गई है। जिससे आदि कैलास को जोड़ने वाली सड़क बाधित हो गई है। सीमा सड़क मार्ग में जमा बर्फ हटाने में जुटा है। इसमें दो से तीन दिन का समय लगने की उम्मीद है।
पूर्व बीडीसी मेंबर का मकान ध्वस्त
धारचूला तहसील क्षेत्र की दूसरी घाटी दारमा के नागलिंग गांव में पूर्व बीडीसी सदस्य मनोज नगन्याल का मकान बर्फ के भार से ध्वस्त हो गया है। पिछले दिनों हुई बर्फबारी से मकान की छत पर भारी बर्फ जमा थी। बुधवार को बर्फ के भार से मकान की छत और छत से जुड़ी दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। नगन्याल ने इसकी सूचना तहसील प्रशासन को दे दी है।
दारमा सड़क में जगह-जगह बर्फ के ढेर
पिछले सप्ताह हुई भारी बर्फबारी के चलते दारमा सड़क अभी नहीं खुल पाई है। सेलाथा तक जमा बर्फ सीमा सड़क संगठन ने हटा ली है। इससे आगे काफी मात्रा में बर्फ जमा है।
क्षेत्रवासियों ने बताया कि बर्फ हटाने के लिए सिर्फ एक मशीन लगाई गई है। सड़क खोलने का कार्य काफी धीमी गति से हो रहा है। सीमा सड़क संगठन की ओर से बताया कि पूरी सड़क खुलने में आठ से दस दिन का समय लगेगा।