नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगा दी। 1966 में हरियाणा गठन के बाद से यह पहला मौका है जब किसी दल ने सत्ता में लगातार तीसरी बार वापसी की है।
वहीं यह भाजपा की हरियाणा में अब तक की सबसे बड़ी जीत भी है। भाजपा के लिए यह जीत का अहम इसलिए भी है क्योंकि देश के ज्यादातर राजनीतिक पंडितों का मानना था कि इस बार हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन सकती है।
रिजल्ट देखकर हैरान हुए योगेंद्र यादव
चुनाव से पहले, वोटिंग के बाद और एग्जिट पोल पर कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा किया जा रहा था। कांग्रेस की जीत का दावा राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने भी किया था। हालांकि, अब रिजल्ट देखकर वो खुद हैरान हैं।
रिजल्ट सामने आने के बाद योगेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,”आज के चुनाव परिणाम, खासतौर पर हरियाणा के नतीजों को देखकर मैं हैरान हूं। आज शाम को कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखकर परेशान हूं।
चारों तरफ से दोस्तों के फोन और मैसेज आ रहे हैं कि ये क्या हुआ। मुझे भी पता नहीं कि क्या हुआ। पिछले एक महीने से मैं कह रहा था कि मैं सीटों की भविष्यवाणी नहीं करूंगा, लेकिन मैंने कई बार कहा कि कांग्रेस स्पष्ट रूप से आगे है और उसकी सरकार बनेगी।”
चुनाव परिणाम से नाखुश है कांग्रेस
योगेंद्र यादव ने आगे कहा,”हरियाणा में सब यही कह रहे थे कि कांग्रेस को बहुमत मिलेगा। तमाम एग्जिट पोल में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत का दावा किया जा रहा था। आज शाम कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कुछ गंभीर आरोप लगाए।
एक विधानसभा का प्रमाण मैंने खुद देखा है, ये सीट है महेंद्रगढ़ जिले की नारनौंद सीट। जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम इस नतीजे को स्वीकार नहीं कर सकते।”
‘यह वास्तविकता के भी उलट’
बता दें कि हरियाणा चुनाव के रिजल्ट सामने आने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ‘हरियाणा में नतीजे पूरी तरह से अप्रत्याशित, आश्चर्यजनक और हमारी उम्मीद के विपरीत हैं।
यह वास्तविकता के भी उलट हैं। यह हरियाणा लोगों द्वारा तय किए गए बदलाव के खिलाफ हैं। इन परिस्थितियों में, हमारे लिए आज घोषित किए गए परिणामों को स्वीकार करना संभव नहीं है।’
उन्होंने कहा कि हरियाणा में आज जो देखा, वह हेरफेर की जीत है। उन्होंने कहा कि यह लोगों की इच्छा को विफल करने की जीत है और यह पारदर्शी, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की हार है। हरियाणा पर अध्याय अभी पूरा नहीं हुआ है।’