नई दिल्ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना ने कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जॉयमाला बागची को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। SC परिसर में एक समारोह आयोजित कर जस्टिस बागची को शपथ दिलाई गई है। कार्यक्रम में SC के अन्य न्यायाधीश भी उपस्थित रहे।
न्यायमूर्ति बागची के SC के जज बनने के साथ ही अब शीर्ष अदालत में 33 न्यायाधीश हो गए हैं। SC में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है। फिलहाल एक पद खाली है। बता दें, जस्टिस बागची का कार्यकाल 6 साल से अधिक का होगा। इस दौरान वो भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) का भी पदभार संभालेंगे।
पांच महीने तक संभालेंगे CJI का पद
न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची न्यायाधीश केवी विश्वनाथन के बाद CJI का पद संभालेंगे। न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन 25 मई 2031 तक अपनी सेवानिवृत्ति तक CJI का पद संभालेंगे।
केंद्र ने 10 मार्च को दी थी मंजूरी
केंद्र सरकार ने 10 मार्च को न्यायमूर्ति बागची के सुप्रीम कोर्ट के जज बनने की मंजूरी दी थी। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश की थी। इस कॉलेजियम में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ शामिल थे।
कॉलेजियम ने क्या कहा?
कॉलेजियम ने कहा था कि 18 जुलाई 2013 को न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर के सेवानिवृत्ति के बाद से कलकत्ता हाईकोर्ट का कोई भी न्यायाधीश भारत का प्रधान न्यायाधीश नहीं बना है।
जस्टिस बागची को 27 जून 2011 को कलकत्ता हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। 4 जनवरी 2021 को उन्हें आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था।
आठ नवंबर 2021 को जस्टिस बागची को कलकत्ता हाईकोर्ट वापस भेज दिया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उन्होंने 13 साल से अधिक समय तक कार्य किया है।