जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आसाराम को नाबालिग से बलात्कार के मामले में जमानत दे दी है। कोर्ट ने आसाराम को मेडिकल के आधार जमानत दी है। बता दें कि 2013 में रेप केस में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। बता दें कि कोर्ट को इस फैसले तक पहुंचने का रास्ता आसान नहीं था।
कई गवाहों की हत्या हुई, कुछ पर जानलेवा हमले भी हुए लेकिन इस केस में कुछ पुलिस अधिकारी ऐसे रहे, जिन्होंने तह तक पहुंच कर सबूत इकट्ठे किए और आसाराम को सलाखों के पीछे पहुंचाया।
आसाराम केस में खासतौर पर महिला पुलिस अफसर को लेकर चर्चा होती है। ये दबंग लेडी अफसर हैं IPS चंचल मिश्रा , जिन्होंने आसाराम को कानून के कटघरे में खड़ा किया।
IPS को बम से उड़ाने की थी साजिश
आसाराम को उम्रकैद की सजा दिलाने में राजस्थान पुलिस ने IPS चंचल मिश्रा की बहादुरी की अक्सर सराहना होती है । इस केस में चंचल मिश्रा की ओर से तैयार की गई रूपरेखा से आसाराम और उसके समर्थक इतने नाराज थे कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों तक को निशाना बनाना का प्लान बना लिया था।
बता दें कि आसाराम रेप केस में कई गवाहों पर हमले हुए और कुछ की हत्या भी गई। मार्च 2016 में, आसाराम के एक चेले और शूटर कार्तिक हलदार को गुजरात एटीएस ने पकड़ा। उसने बताया कि उसने आसाराम और नारायण साईं के केस के तीन गवाहों को मार डाला था।
यही नहीं, वह चंचल मिश्रा को भी बम से उड़ाने की योजना बना रहा था। इससे साफ पता चलता है कि इस केस में कितना खतरा था और पुलिस अधिकारियों ने कितनी मुश्किलों का सामना किया।
राजस्थान पुलिस ने ट्वीट कर की थी तारीफ
बता दें कि आसाराम केस में अंजाम तक पहुंचाने वाले आईपीएस अधिकारियों की राजस्थान पुलिस ने ऑफिशियल अकाउंट एक्स के जरिए जमकर तारीफ की थी। इस दौरान राजस्थान पुलिस के ऑफिशियल अकाउंट से आईपीएस चंचल मिश्रा की भी खूब तारीफ की गई।
इस दौरान लिखा गया ‘हम एसीपी चंचल मिश्रा द्वारा पूरी निष्ठा के साथ की गई इस केस की जांच की सराहना करते हैं, जिन्होंने ना सिर्फ ढाई महीने के अंदर चार्जशीट पेश की बल्कि 85 दिनों तक लगातार आसाराम के वकीलों के तीखे सवालों को झेला। ऐसे ही काम पुलिस की विश्वसनीयता बढ़ाते हैं।’
जानिए कौन हैं IPS चंचल मिश्रा
बता दें कि आईपीएस की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद चंचल मिश्रा को पहली पोस्टिंग जोधपुर जिले में मिली। यहां आसाराम का केस उनके हाथों में आया। चंचल मिश्रा के लिए यह केस काफी मुश्किल था।
बड़ी बात यह थी कि लाखों समर्थकों का समर्थन होने के बाद भी इस दंबग महिला आईपीएस अधिकारी ने दूसरे स्टेट (मध्यप्रदेश) में जाकर संत आसाराम की गिरफ्तारी की।