तेल अबीव। इजरायल हमास युद्ध के बीच लेबनान में हुए सीरियल पेजर ब्लास्ट की दुनियाभर में चर्चा हो रही है। यह ब्लास्ट वॉकी-टॉकी डिवाइस में हुआ, जिसकी वजह से 34 लोगों की मौत हो गई। वहीं, तीन हजार से अधिक लोग घायल हो गए।
भले ही इजरायल ने आधिकारिक तौर पर इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि ऐसे खतरनाक हमलों को अंजाम देने का काम मोसाद जैसी खुफिया एजेंसी ही कर सकती है।
‘यूनिट 8200’ ने दिया पेजर अटैक को अंजाम
कुछ दिनों पहले हिजबुल्लाह ने इजरायल पर मिसाइल अटैक किया था, जिसके बाद इजरायल ने खुली धमकी दी थी कि हिजबुल्लाह को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
हालांकि, इस पेजर अटैक के पीछे मोसाद नहीं बल्कि ‘यूनिट 8200’ का हाथ है। यह एक सैन्य एजेंसी है। गौरतलब है कि यह यूनिट खुफिया एजेंसी मोसाद से अलग है। यह विभाग सीधे तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करती है।
इसका मतलब है कि यूनिट 8200 जिन ऑपरेशन को अंजाम देती है, उसकी सीधी जानकारी पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को दी जाती है। जानकारी के मुताबिक, हिजबुल्लाह के खिलाफ इस सैन्य ऑपरेशन की प्लानिंग में ‘यूनिट 8200’ को एक साल से ज्यादा का समय लग गया।
सबसे बेहतरीन सैनिक होते हैं ‘यूनिट 8200’ का हिस्सा
इजराइल डिफेंस सूत्रों के मुताबिक, यूनिट 8200 में इजरायली सेना में सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली सैनिकों को शामिल किया जाता है। बता दें कि पेजर अटैक के अगले दिन हिजबुल्लाह के खिलाफ इसी एजेंसी ने वॉकी-टाकी अटैक को अंजाम दिया। इस हमले में 14 लोगों की मौत हो गई। मोसाद के बाद फिलहाल दुनियाभर में ‘यूनिट-8200’ की चर्चा हो रही है।
साइबर हमलों के महारथी हैं ‘यूनिट 8200’
इस यूनिट का गठन इजरायल की स्थापना के तुरंत बाद 1948 में किया गया था। शुरुआत में यूनिट 8200 का काम कोडब्रेकिंग और खुफिया इकाइयों की निगरानी करना था। धीरे -धीरे यह एजेंसी सिग्नल इंटेलिजेंस से लेकर डेटा माइनिंग और तकनीकी हमलों को अंजाम देने लगी।
हमास और हिजबुल्लाह से लड़ रहा इजरायल
बताते चलें की पिछले साल सात अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर आतंकी हमले को अंजाम दिया था। जिसके बाद इजरायल ने फलस्तीन खासकर गाजा में हमास के खिलाफ जंग छेड़ रखी है।
इस जंग में हिजबुल्लाह खुले तौर पर हमास का साथ दे रहा है। लेबनान से हिजबुल्लाह का पूरा नेटवर्क चलता है। हमास के साथ-साथ इजरायल हिजबुल्लाह के खिलाफ भी लड़ रहा है।