संभल। रविवार की सुबह साढ़े सात बजे का समय था। उप्र के संभल की जामा मस्जिद के आसपास के मोहल्लों में चहलकदमी कम थी। अधिकांश लोग घरों में थे। इसी दौरान किसी ने अफवाह फैला दी कि सर्वे करने वाली टीम मस्जिद के अंदर खोदाई कर रही है। इसके बाद भीड़ जुटने लगी और देखते ही देखते लोग मस्जिद के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों से भिड़ गए।
अफवाह के बाद जुटने लगी भीड़
अफवाह की चिंगारी ऐसी भड़की कि हजारों की संख्या में लोग जामा मस्जिद के बाहर जुट गए। साढ़े आठ बजे तक भीड़ बेकाबू हो गई और मस्जिद में घुसने का प्रयास करने लगी। पुलिस टीम ने भीड़ को रोका तो लोगों ने मस्जिद को घेर लिया और पथराव शुरू कर दिया। सड़क के साथ ही घरों की छतों से पुलिस पर पत्थर बरसने लगे। पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
‘पुलिस ने की फायरिंग’
पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद भी भीड़ नियंत्रित नहीं हो सकी। लोगों का कहना है कि पुलिस की ओर से भी फायरिंग की गई।
करीब नौ बजे पुलिस ने घेराबंदी कर सर्वे टीम को मस्जिद से बाहर निकालकर थाने तक सुरक्षित पहुंचा दिया। सूचना पर शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के थानों और दूसरे जनपदों की फोर्स भी बुला ली गई।
पूरे शहर में पसर गया सन्नाटा
करीब दस बजे पुलिस पथराव करने वालों को खदेड़ने में कामयाब हो पाई। पथराव और फायरिंग के बीच तीन लोगों की जान चली गई। संभल एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई समेत कई पुलिसकर्मी और अन्य लोग घायल हो गए।
घटना के बाद पूरे शहर में सन्नाटा पसर गया। जामा मस्जिद के बाहर मामला शांत होने के बाद भी शहर के अन्य हिस्सों में हंगामा और पथराव की घटनाएं सामने आईं। इसके कारण शहर के सभी बाजार बंद हो गए। देर रात तक शहर की सड़कों पर पुलिस के वाहन ही दौड़ते नजर आए।
यह है जामा मस्जिद का विवाद
हिंदू पक्ष ने संभल के चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दावा पेश किया है। हिंदू पक्ष का कहना है कि मंदिर पृथ्वीराज चौहान के शासन से पहले बना था, जबकि मस्जिद मुगलकाल में मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद टीले पर बनी है। किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई है।
19 नवंबर को हिंदू पक्ष द्वारा दावा पेश करने के दिन ही न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया। उसी दिन कोर्ट कमिश्नर ने मस्जिद पहुंचकर सर्वे भी किया था। करीब दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी।
कोर्ट कमिश्नर 29 नवंबर को न्यायालय में रिपोर्ट पेश करेंगे। सर्वे के बाद से जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। जुमे की नमाज के दौरान शहर को छावनी में तब्दील कर दिया था, जिससे शांतिपूर्वक नमाज अदा हुई। रविवार की सुबह कोर्ट कमिश्नर दोबारा सर्वे करने पहुंचे तो बवाल शुरू हो गया।