नई दिल्ली। TMC सांसद महुआ मोइत्रा अब एक नई मुसीबत में फंस गई हैं। महुआ पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की प्रमुख रेखा शर्मा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को लेकर केस दर्ज हुआ है। NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने दिल्ली पुलिस के समक्ष महुआ के खिलाफ शिकायत की थी। जिसपर अब केस दर्ज कर लिया गया है। महुआ पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है मामला?
दरअसल, यूपी के हाथरस में सत्संग में भगदड़ के बाद 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थी। महिलाओं की इतनी बड़ी संख्या में मौत की खबर के बाद NCW चीफ ने हाथरस का दौरा किया था।
क्यों दर्ज हुआ केस?
रेखा शर्मा जब वहां पहुंची तो उनके पीछे एक व्यक्ति छाता लेकर जाता दिखा। वीडियो सामने आने पर इसपर महुआ ने आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसपर बवाल मच गया। हालांकि, इसके बाद TMC सांसद ने उसे हटा दिया।
वीडियो पर किसी ने कमेंट किया कि रेखा ने खुद छाता क्यों नहीं पकड़ा, इसपर महुआ ने कहा कि वो अपने बॉस का पैजामा पकड़ने में बिजी हैं। महुआ के इस बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने आपत्ति जताई और दिल्ली पुलिस में शिकायत की।
FIR में BNS की कौन सी धारा?
NCW ने अपनी शिकायत में कहा कि महुआ की टिप्पणी न सिर्फ आपत्तिजनक थी, बल्कि महिलाओं की गरिमा पर वार था। महिला आयोग ने इसपर बीएनएस की धारा 79 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की। इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने धारा 79 के तहत मामला दर्ज कर लिया।
क्या चली जाएगी महुआ की सांसदी?
BNS की धारा 79 के अनुसार, अगर कोई भी इंसान किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, उसके खिलाफ गलती टिप्पणी या इशारा करने का दोषी पाया जाता है, तो उसे जेल हो सकती है जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है।
अब अगर महुआ दोषी पाई गईं और उन्हें दो साल की सजा हुई तो 1951 के जनप्रतिनिधि कानून के तहत उनकी संसद सदस्यता जा सकती है। दरअसल, कानूनन अगर किसी सांसद को किसी भी मामले में दो साल की सजा होती है, तो उसकी सांसदी रद्द कर दी जाती है।