ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब विकसित करने जा रही है।
करीब छह साल पहले यमुना प्राधिकरण ने भी फ्रांस के रुंगिस अंतरराष्ट्रीय मंडी की तर्ज पर मंडी विकसित करने की योजना तैयार की थी, लेकिन बाद में इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया गया था।
वैश्विक बाजार तक पहुंचेंगे फसल उत्पाद
एक्सपोर्ट हब विकसित होने से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रभावित क्षेत्र से जुड़े 26 जिलों के किसानों को फायदा होगा। एयरपोर्ट कार्गो के जरिये उनके फसल उत्पाद वैश्विक बाजार तक पहुंचेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 26 जिलों में अध्ययन कर व्यावसायिक रिपोर्ट तैयार की गई थी।
इसमें पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड के जिले शामिल हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश के साथ हरियाणा और उत्तराखंड सब्जी, फल, दुग्ध व अन्य कृषि उत्पादों के उत्पादन में अग्रणी है।
फ्रांस की अंतरराष्ट्रीय मंडी की तर्ज पर योजना तैयार
इसे देखते हुए यमुना प्राधिकरण ने फ्रांस की रुंगिस अंतरराष्ट्रीय मंडी की तर्ज पर यहां भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की मंडी विकसित करने की योजना तैयार की थी।
इसमें विपणन से लेकर प्रसंस्करण, भंडारण, पैकेजिंग की सुविधा विकसित करने की योजना थी। ताकि खाद्य पदार्थों के साथ फल, सब्जी, फूल व दुग्ध उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया जा सके।
अंतरराष्ट्रीय स्तर होगी किसानों की पहुंच
गौतमबुद्ध नगर व आस पास का क्षेत्र दुग्ध उत्पादन में अग्रणी है, बुलंदशहर, अलीगढ़ आदि पश्चिम उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में गेहूं, चावल अनाज, सब्जी, उत्तराखंड में फूल व फल का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है।
किसानों की आमदनी बढ़ाने व एयरपोर्ट निर्माण से होने वाले लाभ में किसानों की भागीदारी भी बढ़ाने के लिए यह योजना तैयार की गई थी, लेकिन परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी।
लेकिन अब प्रदेश सरकार ने एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब विकसित करने का फैसला लेकर क्षेत्र के किसानों की पहुंच को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का रास्ता साफ कर दिया है।
एयरपोर्ट पर विकसित होने वाले मल्टी मॉडल कार्गो हब की क्षमता शुरुआत में एक लाख टन है। इसके सभी चरण पूरा होने में करीब 12 सौ करोड़ का निवेश होगा।